प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ ( Mann Ki Baat ) बात कार्यक्रम का संबोधन किया। इस संबोधन में उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं की। यह मन की बात कार्यक्रम का 88वां एपिसोड था। इस दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में शुरू हुए प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय को देश के लोगों के लिए खोल दिया गया है। गर्व की बात है कि हम सभी इस संग्रहालय के माध्यम से प्रधानमंत्री के योगदान को याद कर रहे हैं और युवाओं को उनसे जोड़ने का काम रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले सार्थक का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सार्थक प्रधानमंत्री संग्रहालय को देख कर आए हैं। उन्होंने नमो एप पर अपने अनुभव को साझा किया है। सार्थक ने नमो एप पर लिखा है कि बरसों से न्यूज चैनल देखते हैं, अखबार पढ़ते हैं, सोशल मीडिया से भी कनेक्टेड हैं, इसलिए उन्हें लगता था कि उनकी जनरल नॉलेज काफी अच्छी होगी। लेकिन जब वे पीएम संग्रहालय गए तो उन्हें बहुत हैरानी हुई। उन्हें एहसास हुआ की उन्हें काफी कुछ नहीं पता। उन्हें महसूस हुआ कि वे अपने देश और देश का नेतृत्व करने वालों के बारे में काफी कुछ नहीं जानते हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि सार्थक ने पीएम संग्रहालय की कुछ ऐसी चीजों के बारे में लिखा है, जो उनकी जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली थी। जैसे उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी का वो चरखा देखकर बहुत खुशी हुई, जो उन्हें ससुराल से उपहार में मिला था। उन्होंने शास्त्री जी की पासबुक भी देखी और यह भी देखा कि उनके पास कितनी कम बचत थी। सार्थक जी ने लिखा है कि उन्हें ये भी नहीं पता था कि मोरारजी देसाई स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने से पहले गुजरात में डिप्टी कलेक्टर थे। प्रशासनिक सेवा में उनका एक लेखा करियर रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में प्रतिदिन करीब 20,000 करोड़ रुपये का ‘‘डिजिटल लेनदेन” हो रहा है और इससे देश में एक डिजिटल अर्थव्यवस्था तैयार हो रही है तथा एक संस्कृति भी विकसित हो रही है। ‘‘मन की बात” में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल लेनदेन से सुविधा भी बढ़ रही है और देश में ईमानदारी का माहौल भी बन रहा है।

उन्होंने दिल्ली की रहने वाली दो बहनों सागरिका और प्रेक्षा के ‘‘कैशलेस डे आउट” का संकल्प साझा किया और देशवासियों से आग्रह किया वह भी इसे अपनाएं। उन्होंने कहा, ‘‘घर से यह संकल्प लेकर निकलें कि दिन भर पूरे शहर में घूमेंगे और एक भी पैसे का लेनदेन नकद में नहीं करेंगे। ”प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल लेनदेन अब दिल्ली या बड़े महानगरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका प्रसार सुदूर के गांवों तक हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन जगहों पर कुछ साल पहले तक इंटरनेट की अच्छी सुविधा भी नहीं थी वहां भी यूपीआई से लेनदेन की सुविधा उपलब्ध है। अब तो छोटे-छोटे शहरों में और ज्यादातर गांवों में भी लोग यूपीआई से ही लेन-देन कर रहे हैं।
रविवार को मन की बात कार्यक्रम में जहां, कैशलेस डेआउट, नेशनल म्यूजियम और गणित पर बात की, वहीं जल संरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के रामपुर ( Rampur ) जिले के पटवाई के एक तालाब का भी जिक्र किया। बताया कि कैसे पटवाई के युवा और अन्य लोगों ने खत्म हो चुके तालाब का कायाकल्प किया।
कहा कि यूपी के रामपुर में पटवई में ग्राम सभा की जमीन पर तालाब था। गंदगी से भरा था। कुछ हफ्तों में स्थानीय नागरिकों और स्कूली बच्चों ने इस तालाब का कायाकल्प कर दिया है। अब वह तालाब फव्वारे, फूडकोर्ट और लाइटिंग से सज गया है। मोदी ने कहा कि पानी की उपलब्धता और किल्लत किसी भी देश की गति निर्धारित करते हैं। मैं मन की बात में बार-बार इसकी बात करता हूं। ग्रंथों में कहा गया है कि संसार में जल ही हर एक जीव के जीवन का आधार है।
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— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) April 24, 2022