मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh ) कैडर के आईएएस अधिकारी मोहित बुंदस( IAS Mohit Bundas )के खिलाफ उनकी आईआरएस (IRS)अफसर पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया है। इसमें उन्होंने दहेज प्रताड़ना के साथ मारपीट, जान से मारने की धमकी की शिकायत भी की है। बुंदस की पत्नी भी अखिल भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं और दोनों का एक बेटा भी है।
बताया जाता है कि मोहित बुंदस ( IAS Mohit Bundas )की पत्नी ने मंगलवार की रात को भोपाल ( Bhopal ) के महिला थाने में पति के खिलाफ शिकायत की थी जिसमें एफआईआर दर्ज की गई है। पत्नी की शिकायत पर इसमें धारा 498 (ए), 323, 506 और 34 का अपराध दर्ज किया गया है। इस घटना को लेकर पुलिस अधिकारी फरियादी के नाम से लेकर घटनाक्रम की जानकारी को देने से बच रहे हैं। इसमें काफी गोपनीयता बरती जा रही है और प्रकरण में विवेचना शुरू करने की बात कहते हुए टालमटोल किया जा रहा है। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि दहेज की मांग को लेकर पति मारपीट करते हैं। इसमें उनकी मां और बहन भी साथ देती हैं। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद केस दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक मोहित की पत्नी करीब दो महीने से पति से अलग रह रही हैं। उनके साथ उका बेटा भी है। उन्होंने एफआईआर में मोहित बुंदस के साथ उनकी मां पुष्पा और बहनों सुनीता व सविता के नाम भी लिखाए हैं। बहनें जयपुर में रहती हैं। बताया जाता है कि मोहित अपने परिवार के साथ पिछले दिनों राजस्थान गए थे और वहां उनकी पत्नी के साथ नंदोई ने अभद्रता की थी।
आईएएस अधिकारी मोहित बुंदस ( IAS Mohit Bundas )छतरपुर और डिंडौरी में कलेक्टर रहे हैं। अभी वे वन विभाग में उप सचिव हैं। उनका एक बेटा भी है जो काफी छोटा है। सूत्र बताते हैं कि पति-पत्नी और बेटा दो दिन पहले कहीं गए थे जहां उनके बीच विवाद हुआ था। इसमें बेटे को भी धक्का दिए जाने की बात कही जा रही है। मगर ऐसी तमाम जानकारियां छिपाई जा रही हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस मोहित बुंदस की कामयाबी की कहानी उनकी मां के हाथों लिखी गई है। महज 10 साल की उम्र में पिता की मौत हो गई थी। मोहित के बड़े भाई की एक्सीडेंट में जान चली गई। पति व बेटे की मौत के बाद मोहित की मां ने न केवल खुद को संभाला, बल्कि बेटे को भी आगे बढ़ने की हिम्मत दी। छतरपुर कलेक्टर रहते हुए मोहित बुंदस अक्सर सफलता और मां के संघर्ष की कहानी बता चुके हैं।
राजस्थान के जयपुर ( Jaipur ) निवासी मोहित मानते हैं कि मां की बदौलत वे महज 21 साल की उम्र में आईपीएस बन गए थे। 18 दिसंबर 2006 से 24 अगस्त 2011 तक झारखंड कैडर में आइपीएस रहे, मगर मां की इच्छा थी कि बेटा आईएएस बने। वर्ष 2011 में आईएएस बनकर मां का यह ख्वाब भी पूरा कर दिया।