केंद्र सरकार ने कोयला वैगनों(Coal Wagons)के लिए प्राथमिकता वाले मार्गों और उनके तेजी से आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए 657 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। इन ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियां शामिल हैं। इन पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने के पीछे रेलवे का उद्देश्य करीब 533 कोयले के रैक को विभिन्न राज्यों के थर्मल पावर प्लांट तक पहुंचाने के लिए रास्ता देना है।
कुल 533 कोयला(Coal ) रेकड्यूटी पर लगाए गए हैं। बिजली क्षेत्र के लिए 437 रेक कल लोड की गई थीं और इस क्षेत्र के लिए 16.20 लाख टन कोयला लोड किया गया है।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 27 अप्रैल को देश के 147 ताप-विद्युत संयंत्रों के पास सामान्य से 24 फीसदी कम कोयले(Coal ) का स्टॉक ही मौजूद है। सीईए की रिपोर्ट कहती है कि इन संयंत्रों के पास 57,033 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए लेकिन उनके पास सिर्फ 13,912 हजार टन ही कोयला मौजूद है। इन संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 163 गीगावॉट है।
देश के अधिकतर इलाकों में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। गुरुवार को तो बिजली की मांग 204.65 गीगावॉट के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थी।कई राज्यों में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन पर असर पड़ने लगा है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों को कैंसल कर दिया है, ताकि मालगाड़ी (Goods Train ) को कहीं रुकना ना पड़े और कोयले की आपूर्ति लगातार होती रहे।
अप्रैल में बिजली की मांग में अचानक तेजी से बिजली घरों के सामने कोयले (Coal ) का संकट पैदा कर दिया है। इस कमी को पूरा करने के लिए रेलवे ने ये बड़ा कदम उठाया है। आपको बता दें कि कोयले की मांग को पूरा करने के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य कोयला उत्पादक राज्यों की खदानों से रेलगाड़ियां देश के हर कोने में मौजूद ताप बिजली घरों तक कोयला पहुंचा रही हैं। कोयले की इस बढ़ी मांग पूरा करने के लिए कोलफील्ड के साथ ही रेलवे पर भी दबाव बढ़ गया है।
Government has decided to cancel 657 Mail/Exp/Passenger train services to ensure priority routes for coal wagons and faster turnaround. A total of 533 coal rakes put on duty. For the power sector, 427 rakes loaded yesterday. 1.62 million tonnes loaded for power sector. pic.twitter.com/UbCho8Tzsi
— ANI (@ANI) April 29, 2022