प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi )यूरोप के अपने तीन दिवसीय दौरे के तहत जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ( German Chancellor Olaf Scholz )से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेता डेलिगेशन लेवल मीटिंग में शामिल हुए। इसमें भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी पर अहम समझौता हुआ।
जर्मनी दौरे पर भी सबको इस बात का इंतजार था कि यूक्रेन-रूस जंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या बोलेंगे? देर शाम इस बात से पर्दा उठ गया। पीएम मोदी ने डेलीगेशन लेवल मीटिंग खत्म होने के बाद अपनी स्पीच में यूक्रेन-रूस जंग का जिक्र किया।पीएम मोदी (PM Modi )ने कहा- यूक्रेन के संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं।
यूक्रेन संघर्ष से उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और फर्टिलाइजर की भी कमी हो रही है। इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है किंतु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi )ने कहा- मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि इस वर्ष ये मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी में हो रही है। लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कॉमन मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सिक्स्थ राउंड ऑफ बिनेनियल इंटर-गवर्मेंटल कंसल्टेशंस (IGC) में दोनों देशों के साझेदारी को नई दिशा मिलेगी। हमारी पिछली IGC 2019 में हुई थी, तब से विश्व में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की जियो पॉलेटिकल घटनाओं ने भी दिखाया कि विश्व की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश कितने इंटरकनेक्टेड हैं।
पीएम मोदी (PM Modi )ने कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारत और जर्मनी ने हरित हाइड्रोजन कार्यबल स्थापित करने का निर्णय लिया। इसी के साथ भारत यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता में त्वरित प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ने भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी को लेकर अहम एग्रीमेंट पर साइन किए। पीएम मोदी ने कहा- भारत और जर्मनी मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन करेंगे। हमने जर्मनी के साथ अहम ग्रीन एनर्जी और सतत ऊर्जा समझौता किया है। भारत यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस दौरान जर्मन चांसलर ने भी भारत को एशिया में अपना सुपर पार्टनर बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को जर्मनी ने जून में होने वाली जी-7 बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है।जर्मन चांसलर स्कोल्ज ने कहा, इंडो-पैसेफिक बेहद डायनामिक रीजन है, लेकिन इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस रीजन में भारत हमारा एक बेहद अहम साझेदार है। स्कोल्ज ने कहा, दुनिया तभी विकसित हो सकती है, जब हम यह स्पष्ट कर दें कि दुनिया कुछ ताकतवर देशों के इशारे पर नहीं बल्कि भविष्य के रिश्तों पर ही चलेगी।
I had wide-ranging discussions with Chancellor Scholz. Today’s talks covered trade, commerce, innovation, culture and people-to-people linkages. India and Germany are working together on several subjects. This partnership will benefit our entire planet. @Bundeskanzler pic.twitter.com/bNQWtESzmv
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2022
Prime Minister Narendra Modi, German Chancellor Olaf Scholz & the delegations of India & Germany pose for a group photograph at the Federal Chancellery, in Berlin. pic.twitter.com/6hCjpolXWR
— ANI (@ANI) May 2, 2022