गाजियाबाद (Ghaziabad ) में तैनात यूपी पुलिस (UP police ) के कांस्टेबल इरशाद अहमद (40) ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली। कांस्टेबल का शव मधुवन बापूधाम स्थिति फ्लैट में फंदे लटका मिला। घटना शनिवार रात की है। घटना के समय फ्लैट में मौजूद पत्नी रूबी और बच्चे दूसरे कमरे में सो रहे थे।
सुबह संजय नगर निवासी पूर्व मकान मालिक ने मृतक के परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी। परिजनों ने पत्नी और ससुरालियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मूलरूप से मुजफ्फरनगर ( Muzaffarnagar ) के किवाड़ा गांव निवासी इरशाद अहमद 2006 में यूपी पुलिस (UP police ) में भर्ती हुए थे। वह सिहानी चुंगी पुलिस चौकी में तैनात थे। पत्नी और तीन बच्चों के साथ मधुबन बापूधाम के एन ब्लॉक में किराए के फ्लैट में रह रहे थे। मृतक के पिता मोहम्मद यासीन का आरोप है कि शादी के बाद से ही पत्नी रूबी और उसके मायके वाले मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
उसने कई बार पत्नी और ससुरालियों से बात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की थी। मुधबन बापूधाम थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि मामले में परिजनों की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पिछले चार दिन में जिले में तैनात यूपी पुलिस (UP police ) के दो सिपाहियों ने आत्महत्या कर ली। हालांकि दोनों ही मामलों में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पांच मई को डासना जेल में तैनात सिपाही गजेंद्र ने अपने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। आठ मई को मधुबन बापूधाम के एन ब्लॉक में पंखे से लटका सिपाही का शव मिला। चार दिन में दो सिपाहियों की मौत पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है।