वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ( Ajay Kumar Mishra )को मंगलवार को उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) का महाधिवक्ता नियुक्त किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी।उत्तर प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को लोकभवन में पत्रकारों को यह जानकारी दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक वकालत का लम्बा अनुभव रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ( Ajay Kumar Mishra ) को उत्तर प्रदेश सरकार ने महाधिवक्ता नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि मिश्र ने वर्ष 1981 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वे विगत 10 वर्षों से सर्वोच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं। वे वर्ष 1995 में प्रदेश के सबसे कम उम्र के प्रदेश के अपर महाधिवक्ता थे।
मिश्र को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। गौरतलब है कि राघवेंद्र सिंह ने करीब एक माह पहले प्रदेश के महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने गत दिनों राज्य सरकार को 16 मई तक नये महाधिवक्ता की नियुक्ति करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर यह आदेश पारित किया था।
अदालत ने यह टिप्पणी की थी कि किसी सरकार की पहली कैबिनेट (मंत्रिमंडल) का निर्णय महाधिवक्ता की नियुक्ति करना होता था, किंतु सरकार इसमें विफल रही।
वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ( Ajay Kumar Mishra )के बड़े भाई अश्वनी कुमार मिश्रा इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायामूर्ति हैं। मूलत: देवरिया के अजय कुमार मिश्रा कई दशक से प्रयागराज में निवास कर रहे हैं। फिलहाल उनका निवास गौतमबुद्ध नगर में है।