उत्तराखंड ( Uttarakhand)की चारधाम यात्रा ( Char Dham Yatra 2022) में रोजाना तीर्थयात्रियों की मौतें हो रही है। अब तक मृतकों की संख्या 28 हो गई है। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि चारधाम यात्रा ( Char Dham Yatra 2022) के दौरान जो भी मौतें हुई हैं, वह पैदल रूट पर हुईं। हार्ट अटैक व अन्य बीमारियां मौत का कारण रही हैं। किसी भी यात्री की अस्पतालों में मौत नहीं हुई है। चारधाम यात्रा मार्ग के अस्पतालों व मेडिकल कैंपों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। हफ्तेभर के भीतर चारधाम यात्रा ( Char Dham Yatra 2022) में रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिलों से आई रिपोर्ट के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 50 से 60 आयु वर्ग में सात, 40 से 50 आयु वर्ग में चार और 30 से 40 आयु के तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
महानिदेशक ने कहा कि परिजनों की इच्छा के अनुसार पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। कई मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं। जिनके पोस्टमार्टम में मौत के सही कारणों का पता नहीं लग पाता है, उनका बिसरा सुरक्षित रखा जा रहा है।चारधाम की दुर्गम राह इंसान ही नहीं जानवरों की जान पर भी भारी पड़ रही है। चारधाम यात्रा पर अभी तक 28 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 25 घोड़े और खच्चर भी दम तोड़ चुके हैं। घोड़े, खच्चरों की मौत से संचालक दहशत में हैं। वहीं पशु चिकित्साधिकारी क्षमता से अधिक कार्य को जानवरों की मौत का कारण बता रहे हैं।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के साथ ही अब घोड़े खच्चरों की मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों में पैदल मार्ग पर 10 घोड़े खच्चरों की भी मौत हुई है। स्थानीय निवासियों और घोड़ा-खच्चर संचालक इन मौतों का कारण यमुनोत्री धाम के दुर्गम वैकल्पिक मार्ग को बता रहे हैं।
28 pilgrims have died in the state since the beginning of the Char Dham Yatra on May 3. High blood pressure and cardiac related issues have been the cause of death: Uttarakhand Director General-Health Dr Shailja Bhatt
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 12, 2022