शीना बोरा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुधवार को बड़ा फैसला आया। कोर्ट ने मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ( Indrani Mukerjea) को जमानत दे दी है। शीर्ष अदालत का कहना है कि उन्होंने पहले ही 6.5 साल से जेल में हैं। जस्टिस एल नागेश्व राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। मुंबई पुलिस ने 25 अगस्त 2015 बेटी शीना की हत्या के आरोप में मुखर्जी को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने कहा, इंद्राणी मुखर्जी ( Indrani Mukerjea) 6.5 साल से हिरासत में हैं। हम मामले के मेरिट्स पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। भले ही अभियोजन पक्ष की तरफ से 50 फीसदी गवाहों को छोड़ दिया गया हो, लेकिन यह मुकदमा जल्दी खत्म नहीं होगा। उन्हें जमानत दी गई है।’ शीर्ष अदालत ने कहा कि पीटर मुखर्जी पर लागू शर्तें इंद्राणी पर भी लागू होंगी।
सीबीआई का मामला यह है कि इंद्राणी मुखर्जी ( Indrani Mukerjea) ने पूर्व पति संजीव खन्ना, मौजूदा पति पीटर मुखर्जी और ड्राइवर श्यामवर राय की मदद से बोरा की हत्या कर दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवंबर 2021 में मुखर्जी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत में अपील की गई। मुखर्जी की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पहुंचे थे। जबकि, सीबीआई का पक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने रखा।
इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की सीबीआई ने भी जांच की, लेकिन यह केस आज भी अनसुलझा है। यह एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री है, जिसका रहस्य आज तक सामने नहीं आया। हत्या की यह गुत्थी इतनी पेचीदी थी कि शुरू में शीना बोरा( Sheena Bora )के शव को इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बहन बताया था, लेकिन पुलिस पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह उसकी बेटी थी। INX Media की सह-संस्थापक इंद्राणी मुखर्जी ने दो शादी की थी। शीना बोरा उसके पहले पति की बेटी थी।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के जंगल में एक लड़की की अधजला शव मिला था। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त करने की कोशिश की, लेकिन शव क्षत-विक्षत होने से उसकी पहचान नहीं हुई। पुलिस ने शव से सैंपल लेकर फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए भेजा और शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। तीन साल तक पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी रही, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। 2015 में पुलिस को ड्राइवर के खुलासे से केस सुलझाने में मदद मिली थी।