Friday, September 20, 2024

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सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद दीवानी वाद वाराणसी जिला जज कोर्ट में किया ट्रांसफर, कहा- शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा के साथ नमाज भी रहेगी जारी

Supreme Court transfered Gyanvapi mosque civil suit to Varanasi district judge 

Supreme Court transfered Gyanvapi mosque civil suit to Varanasi district judge सुप्रीम कोर्ट ने   (   ) मामला वाराणसी की जिला जज  अदालत में  ट्रांसफर कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कोई अनुभवी और वरिष्ठ जज इस मामले की सुनवाई करेंगे। वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि    ( ) की सुरक्षा और नमाज की इजाजत देने का उसका 17 मई का अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा। मस्जिद कमेटी की याचिका पर जिला अदालत में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई होगी। इसके साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में करने का फैसला लिया है।

सर्वोच्च अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद (  Gyanvapi Masjid )मामले को जिला न्यायाधीश वाराणसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा के वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी मामले की सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने कहा कि थोड़ा अधिक अनुभवी और परिपक्व व्यक्ति को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए। हम ट्रायल जज पर आक्षेप नहीं कर रहे हैं, लेकिन अधिक अनुभवी हाथ को इस मामले से निपटना चाहिए और इससे सभी पक्षों को फायदा होगा।

कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के अंदर पूजा के मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायाधीश द्वारा की जाए। जिला न्यायाधीश मस्जिद समिति (  Gyanvapi Masjid )की याचिका पर फैसला करेंगे कि हिंदू पक्ष द्वारा मुकदमा चलने योग्य है या नहीं। तब तक अंतरिम आदेश- ‘शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा, नमाज के लिए मुसलमानों को प्रवेश’ जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1991 के पूजा स्थल अधिनियम की धारा 3 के तहत धार्मिक चरित्र का पता लगाने पर रोक नहीं है। अदालत ने कहा, भूल जाएं कि एक तरफ मस्जिद है और दूसरी तरफ मंदिर। मान लीजिए कि यहां एक पारसी मंदिर है और कोने में एक क्रॉस है। क्या ‘अग्यारी’ की उपस्थिति क्रॉस अग्यारी या अग्यारी को ईसाई बनाती है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार आयोग की रिपोर्ट आ जाने के बाद जानकारी लीक नहीं हो सकती। प्रेस को बात लीक न करें, केवल जज ही रिपोर्ट खोलते हैं। अदालत ने कहा कि ये जटिल सामाजिक समस्याएं हैं और इंसान के तौर पर कोई भी समाधान सटीक नहीं हो सकता। हमारा आदेश कुछ हद तक शांति बनाए रखना है और हमारे अंतरिम आदेशों का उद्देश्य थोड़ी राहत देना है। हम देश में एकता की भावना को बनाए रखने के संयुक्त मिशन पर हैं।

वाराणसी जिला कोर्ट के 16 मई के आदेश पर हमारा 17 मई का आदेश प्रभावी  होगासुप्रीम कोर्ट का शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित करने और मुस्लिमों को नमाज़ से न रोकने का 17 मई का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।  वाराणसी जिला जज केस की सुनवाई करेंगे।  17 मई को दिया गया अंतरिम आदेश 8 हफ्तों तक लागू रहेगा।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels