प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi ) ने सोमवार को टोक्यो (Tokyo )में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। इस दौरान लोगों ने मोदी-मोदी और जय श्री राम के नारे लगाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi )ने भारतीय प्रवासियों से कहा कि मुझे मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता, मैं पत्थर पर लकीर करता हूं। हमने भारत में एक मजबूत, लचीले और जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है। बीते आठ साल में इसे हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है।
भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान ‘स्वाभाविक साझेदार’ हैं। ‘‘जापान से हमारा रिश्ता सामर्थ्य, सम्मान और विश्व के लिए साझे संकल्प का है। जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध, बोध, ज्ञान, ध्यान का है’’। जापान ने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जापान के साथ हमारे संबंध घनिष्ठता, आध्यात्मिकता, सहयोग और अपनेपन के हैं। मोदी ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है। आज दुनिया जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, मानवता को उनसे बचाने का यह एकमात्र रास्ता है फिर चाहे वह हिंसा, अराजकता, आतंकवाद या जलवायु परिवर्तन हो। उन्होंने कहा कि जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध का है, बोद्ध का है, ज्ञान का है, ध्यान का है।
उन्होंने कहा कि जब भी मैं जापान आता हूं तो मैं देखता हूं कि आपकी स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती ही जाती है। आप में से कई साथी अनेक वर्षों से यहां बसे हुए हैं। जापान की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है। ये हम लोगों की विशेषता है कि हम कर्मभूमि से तन-मन से जुड़ जाते हैं, खप जाते हैं, लेकिन मातृभूमि की जड़ों से जो जुड़ाव है, उससे कभी दूरी नहीं बनने देते हैं। यही हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi )ने कहा कि जिस तरह जापान के लोगों ने प्राकृतिक आपादाओं की चुनौतियों का सामना किया है, हर समस्या से कुछ न कुछ सीखा है, उसका समाधान खोजा है, व्यवस्थाएं भी विकसित की हैं। यह अपने आप में सराहनीय है। मोदी ने आगे कहा कि भारत आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स के लिए भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर जोर दिया जा रहा है। बायो फ्यूल से जुड़ी रिसर्च और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर बहुत बड़े स्तर पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी भारत और जापान के सांस्कृतिक संबंधों को हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। मैं काशी का सांसद होने के नाते बड़े गर्व से कह सकता हूं कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे जब काशी आए थे, तब उन्होंने एक बहुत बढ़िया सौगात काशी को दी। काशी में जापान के सहयोग से बना रुद्राक्ष और कभी मेरी कर्मभूमि रही अहमदाबाद में जेन गार्डन और कैजान अकादमी, ये ऐसी बातें हैं जो हमें निकट लाती हैं।
उन्होंने कहा कि आज क्लाइमेट चेंज विश्व के सामने एक महत्वपूर्ण संकट बन गया है। हमनें भारत में इस चुनौती को देखा भी और उस चुनौती से स्थाई समाधान के लिए रास्ते खोजने के लिए भी हम आगे बढ़े। भारत ने 2070 तक नेट-जीरो के लिए कमिट किया है।
Grateful to the Indian community in Japan for their warm reception. Addressing a programme in Tokyo. https://t.co/IQrbSvVrns
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2022
#WATCH | With chants of “Modi Modi & Jai Shri Ram,” PM Modi was welcomed by the Indian diaspora in Tokyo, Japan pic.twitter.com/vPw714TWpm
— ANI (@ANI) May 23, 2022