दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए प्रतिबंधित संगठन जेकेएलफ के मुखिया यासीन मलिक ( Yasin Malik)को राहत प्रदान करते हुए दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मलिक को मृत्युदंड देने की मांग को खारिज कर दिया। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने खचाखच भरी अदालत में शाम 6 बजे के बाद सुनाए अपने फैसले में यासीन को दो धाराओं में उम्रकैद, एक में 10 वर्ष व एक में पांच वर्ष कैद की सजा सुनाते हुए उस पर जुर्माना भी लगाया है। अदालत के फैसले के अनुसार सभी सजाए एक साथ चलेगी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने स्वयं अपना अपराध कबूल किया है और उसे मृत्युदंड देने का कोई आधार नहीं है।
दूसरी ओर आतंकी फंडिंग मामले में यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने को लेकर बुधवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर रहे। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
अधिवक्ता उमेश शर्मा ने बताया कि यासीन मलिक ( Yasin Malik)को दो बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वकील उमेश शर्मा ने बताया- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 9 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा।इससे पहले विशेष अदालत ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 25 मई का दिन तय किया था। टेरर फंडिंग मामले में 10 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के सभी आरोपों को मलिक ने स्वीकार कर लिया था। मलिक ने अदालत से कहा था कि वह उस पर लगाए गए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है।
उधर, सजा का ऐलान होते ही जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़ने की स्थिति को देखते हुए श्रीनगर (Srinagar ) के मैसूमा और डाउनटाउन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इससे पहले श्रीनगर के मैसूमा इलाके में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थकों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच मारपीट हुई। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।भीड़ में से कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया।

Terror funding case | NIA Court in Delhi awards life imprisonment to Yasin Malik. pic.twitter.com/mxwH3dhWLc
— ANI (@ANI) May 25, 2022
Yasin Malik gets two life imprisonments, fine of over Rs 10 lakh in Terror Funding case