खराब मौसम के बीच नेपाल ( Nepal ) की सेना ने सोमवार सुबह मस्टांग जिले के सैनोसवेयर में लापता विमान तारा एयर (Tara Air) का मलबा खोज निकाला। सेना का एक हेलिकॉप्टर उस स्थान पर पहुंच गया है, जहां स्थानीय तारा एयरलाइन का एक छोटा विमान हादसे का शिकार हो गया। इस विमान पर चार भारतीय नागरिकों समेत कुल 22 लोग सवार थे।सभी की मौत हो गयी है। नेपाल की ‘तारा एयर’ के ट्विन ऑटर 9एन-एईटी विमान ने पोखरा से सुबह 09.55 बजे उड़ान भरी थी।बचावकर्मियों ने तारा एयर के दुर्घटनास्थल से 14 शव निकाले और अन्य के की तलाश में जुटे हैं। नेपाल की पुलिस ने बताया कि कुछ शवों की पहचान मुश्किल है।
एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया कि तारा एयर (Tara Air) का विमान उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही कंट्रोल टावर से विमान का संपर्क टूट गया था। संभावित हवाई दुर्घटना स्थल पर हुई बर्फबारी के कारण के लिए खोज और बचाव अभियान बंद कर दिया था। वहीं नेपाली सेना ने कहा कि कल सुबह बर्फबारी के कारण रोके जाने के बाद तलाशी अभियान फिर से शुरू किया गया है।
नेपाल की तारा एयर (Tara Air) के विमान के क्रैश होने की सोमवार सुबह पुष्टि हो गई। वहां की आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर इसका मलबा मिला है। उसने इसकी तस्वीर भी जारी की है। विमान में 4 भारतीय और 3 क्रू मेंबर समेत 22 लोग सवार थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विमान 43 साल पुराना था।
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल (CAAN) के मुताबिक- प्लेन के एक कैप्टन का मोबाइल फोन चालू था। उसकी लोकेशन को जब ट्रेस किया गया तो एयरक्राफ्ट की भी लोकेशन मिल गई। हालांकि, स्पॉट पर पहुंचने की तमाम कोशिशें खराब मौसम की वजह से नाकाम हो गईं।

एयरलाइन के एक प्रवक्ता सुदर्शन बारतुला ने कहा कि लापता विमान पर चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिक सवार थे। इनके अलावा तीन नेपाली क्रू मेंबर भी विमान में थे। चार भारतीय नागरिकों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में हुई है।क्रू मेंबर्स में कैप्टन प्रभाकर घिमिरे, को-पायलट उत्सव पोखरेल और एयर होस्टेस किश्मी थापा थे।
नेपाल विमान हादसे में मारे गए भारतीय परिवार की पहचान हो गई है। सभी महाराष्ट्र के ठाणे के रहने वाले थे। जान गंवाने वालों में माता-पिता और उनके दो बच्चे शामिल थे। कपूरबावड़ी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम सोनवणे ने बताया कि वे दर्शन करने के लिए मुक्तिनाथ मंदिर जा रहे थे। चारों भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में की गई है।