जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के कुलगाम ( Kulgam ) के गोपालपोरा इलाके में मंगलवार सुबह हाई स्कूल टीचर रजनी बाला( Rajni Bala,)की आतंकियों ने हत्या कर दी। 36 साल की रजनी को सिर में गोलियां लगी थीं। सांबा की रहने वाली टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 20 दिन में दूसरी हत्या को लेकर कश्मीरी पंडित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।गोपालपोरा स्कूल में कई टीचर्स थे लेकिन आतंकियों की के निशाने पर थी सिर्फ हिंदू टीचर रजनी बाला,जिन्हें गोलियों से भून डाला गया।
जम्मू श्रीनगर हाइवे से करीब 25 किमी अंदर गांव है गोपालपोरा। इसी गांव के सरकारी हाईस्कूल के पास आतंकियों ने टीचर रजनी ( Rajni Bala,)को निशाना बनाया।पुलिस ने आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। आतंकियों की शिकार बनी अध्यापिका की पहचान रजनी बाला के रूप में हुई है। वह मूलत: जम्मू संभाग के सांबा जिले के गांव नानके चक गांव की रहने वाली थी। वह चवलगाम कुपवाड़ा में एक किराए के मकान में रह रही थी। दूसरी ओर अपनी शिक्षिका की हत्या की खबर सुन कर उनके स्कूल की कई छात्राएं बेहोश हो गईं। वहां मातम छा गया।
जिस वक्त आतंकियों ने हमला किया, स्कूल के अंदर करीब 70 छात्र थे। फायरिंग शॉट्स सुनते ही सब खौफजदा हो गए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ। गोपालपोरा ग्राम प्रधान ने बताया, ‘आतंकियों का हमला सुबह करीब 10 बजे हुआ। मैंने देखा कि एक टीचर के सिर में गोली लगी है। एक दूसरे टीचर की मदद से उसे उठाया, इसके बाद मैंने ही पुलिस को सूचना दी।
स्कूल के अंदर छात्र डरे-सहमे हुए थे। सुरक्षाबलों ने छात्रों को बाहर निकालना शुरू किया। जैसे ही छात्रों को पता चला कि उनकी टीचर रजनी की आतंकियों ने हत्या कर दी है, दर्जनों छात्रों के आंसू छलक पड़े और ऐसे छलके कि फिर रुके ही नहीं।
19 दिन में कश्मीर घाटी में सरकारी नौकरी करने वाले कश्मीरी हिंदू की हत्या की यह दूसरी वारदात है। इससे पूर्व 12 मई को आतंकियों ने चाडूरा तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत क्लर्क राहुल भट्ट को उसके कार्यालय में ही मौत के घाट उतार दिया था। राहुल भट्ट की हत्या पर पूरे जम्मू कश्मीर में भड़ा गुस्सा अभी शांति भी नहीं हुआ कि दूसरी हत्या फिर कर दी गई। बताया जा रहा है कि आज जिस शिक्षिका रजनी बाला की हत्या की गई है, वह अनुसूचित जाति वर्ग के कोटे से नियुक्त हुई थी। उसकी पोस्टिंग 2009 में कश्मीर में ही हुई। उसके पति राजकुमार भी शिक्षक हैं। उनकी नौ साल की एक बेटी है, जो कुलगाम के ही एक निजी स्कूल में पढ़ती है।
रजनी बाला ( Rajni Bala,)की हत्या के बाद से उनके गांव नानके चक में शोक की लहर दौर गई है। विभिन्न राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों ने इस हत्या के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोग आतंकियों के खिलाफ निर्णायक अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं।
कश्मीर में टारगेट किलिंग अक्टूबर में शुरू हुईं। यहां पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए इनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और प्रवासी हिंदू शामिल हैं, जो नौकरी की तलाश में आए थे। 14 अप्रैल को आतंकियों ने सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अब राहुल की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़ा हो गया है। कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद 4 कश्मीरी पंडितों समेत 14 हिंदू आतंकी हमलों में मारे गए। गृह मंत्रालय ने संसद में इसकी जानकारी दी थी।
#KulgamTerrorIncidentUpdate: Injured lady teacher, a #Hindu & resident of Samba (Jammu division) #succumbed to her injuries. #Terrorists involved in this #gruesome #terror crime will be soon identified & neutralised.@JmuKmrPolice https://t.co/8rZR3dMmLY
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) May 31, 2022