उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय ( Yogendra Upadhyay )ने शनिवार को आगरा (Agra ) के डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में कहा कि विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले की जांच एसआईटी से कराई जाएगी। इस संबंध में वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे। प्रकरण में जड़ तक पहुंचने की जरूरत है। कुछ देर होगी लेकिन सुधार जरूर होगा। आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (औटा) की ओर से शनिवार को उच्च शिक्षामंत्री का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था।
उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय ( Yogendra Upadhyay )ने कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि सेंटर पैसे लेकर बनाए जाते हैं, जब सेंटर बनाने के लिए पैसे लिए जाएंगे तो नकल रोकेंगे कैसे। अछनेरा के कॉलेज से पेपर लीक हुआ और मंत्री तक पर उंगली उठी। शिक्षा मिशन है, प्रोफेशन नहीं, यह समझना होगा। व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ कड़े और बड़े निर्णय लेने होंगे। शिक्षा से जुड़ा हुआ कोई भी अपराध पाप की श्रेणी में आता है। पाप करने वालों की आने वाली नस्लें बिगड़ेंगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सभी घटकों के सहयोग की जरूरत है। शिक्षकों को कक्षा में छात्र-छात्राओं को राष्ट्र और समाज के प्रति उनके दायित्वों के बारे में जरूर बताना चाहिए। शिक्षक आने वाली नस्लों के मूर्तिकार व शिल्पकार हैं। औटा अध्यक्ष डॉ. ओमवीर सिंह और महामंत्री डॉ. भूपेंद्र चिकारा की ओर से उच्च शिक्षामंत्री और कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक को स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
औटा ने उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय ( Yogendra Upadhyay ) को मांगपत्र सौंपा। प्रोफेसर पदनाम की अर्हता शिथिल करते हुए समयबद्ध किए जाने, पुरानी पेंशन बहाल करने, शिक्षकों की सेवा अवधि 65 वर्ष कराए जाने, चिकित्सा अवकाश अनुमन्य किए जाने, कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अनुदान दिए जाने, विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्त किए जाने और विश्वविद्यालय की गड़बड़ी, परीक्षा केंद्रों के निर्धारण और पेपर लीक की जांच कराए जाने की मांगें रखीं गईं। उच्च शिक्षा मंत्री ने मांगों पर विचार कर शिक्षक हित में निर्णय लेने की बात कही।