पंजाब (Punjab) विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक और मामले में पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजय पोपली ( Sanjay Popli ) को चंडीगढ़ और संजीव वत्स को जालंधर से गिफ्तार किया है। इन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस ने आरोपियों को मंगलवार को मोहाली की अदालत में पेश किया गया। दोनों आरोपियों को अदालत ने चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है। भी
जानकारी के मुताबिक करनाल निवासी एक ठेकेदार ने संजय पोपली ( Sanjay Popli ) के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में एक फीसदी रिश्वत मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय नवांशहर में सात करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना शुरू की गई थी।
इसमें वह एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने 12 जनवरी को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस ने दावा किया कि पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने फोन कॉल रिकॉर्ड किया और भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। पोपली ने पहले जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड का नेतृत्व किया था।
नवांशहर के करियाम रोड व मुसापुर रोड पर 7 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज प्रोजेक्ट पर चल रहा है और प्रोजेक्ट का करीब 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कुछ समय पहले तक सीवरेज बोर्ड में सीईओ के पद पर तैनात आईएएस संजय पोपली ( Sanjay Popli ) ने ठेकेदार संजय कुमार से एक फीसदी के हिसाब से सात लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार संजय कुमार ने बताया कि इसमें से साढे़ तीन लाख रुपये संजय पोपली को जनवरी 2022 में दे दिया था लेकिन अब कुछ समय से वह बाकी के साढे़ तीन लाख रुपये देने का दबाव बना रहे थे। आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही नवांशहर पहुंची तो काउंसिल दफ्तर में हलचल मच गई, क्योंकि सारा मामला नवांशहर में चल रहे काम से जुड़ा है।
विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों को संजय पोपली ( Sanjay Popli ) के यहां आज तलाशी के दौरान उसके घर से बेहिसाब जिंदा कारतूस मिले। उन्हें उसके घर से 73 गोलियां (7.65 बोर में से 41, .22 बोर की 30 और .32 बोर की दो) मिलीं। सेक्टर 11 थाना चंडीगढ़ में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।