रामपुर ( Rampur )और आजमगढ़ ( Azamgarh ) लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ। भाजपा ने ये दोनों सीटें सपा से छीन लीं। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने करीब 42 हजार मतों से समाजवादी पार्टी के आसिम रजा को मात दी। वहीं, आजमगढ़ में भोजपुरी गायक और भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को हराया।
भाजपा के लिए यह जीत काफी मायने रखती है, क्योंकि रामपुर ( Rampur )को सपा के कद्दावर नेता आजम खां और आजमगढ़ को अखिलेश-मुलायम का गढ़ माना जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से अखिलेश यादव जीते थे। वहीं,2014 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गए थे। उधर, 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खां रामपुर में सांसद बने थे। अब ये दोनों सीटें भाजपा के खाते में चली गई हैं।
आजमगढ़ ( Azamgarh ) में उपचुनाव में भाजपा ने मशहूर भोजपुरी गायक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ पर एक बार फिर भरोसा जताया। 2019 में भी निरहुआ इस सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए थे। तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें हराया था। इस बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ की लोकसभा सीट छोड़ दी। उपचुनाव में उन्होंने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया। हालांकि, धर्मेंद्र अखिलेश की जीत बरकरार नहीं रख पाए और चुनाव हार गए।
रामपुर ( Rampur )में उपचुनाव में भाजपा ने घनश्याम लोधी को प्रत्याशी बनाया। घनश्याम एक समय सपा के दिग्गज नेता आजम खां के करीबी थे। वह सपा से एमएलसी भी रह चुके हैं। 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोधी ने सपा का दामन छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली थी। तब वह पार्टी से टिकट पाने की कोशिश में लगे थे, लेकिन नहीं मिल पाया।
आजम खां के लोकसभा सीट छोड़ने पर उपचुनाव का एलान हुआ तो भाजपा ने घनश्याम लोधी को उम्मीदवार बना दिया। दूसरी तरफ सपा ने आजम खां के करीबी आसिम रजा को टिकट दिया। जेल से बाहर आने के बाद खुद आजम खां ने ही आसिम के नाम का एलान किया था, लेकिन घनश्याम लोधी ने 42 हजार मतों से जीत हासिल की।
रामपुर और आजमगढ़ सदर लोक सभा सीटों पर हुए उप चुनाव के संदर्भ में प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रेसवार्ता… https://t.co/jWAOroFBMz
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 26, 2022