वृंदावन (Vrindavan) की कृष्णा कुटीर में सोमवार को विधवा व बेसहारा माताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ram Nath Kovind) ने कहा कि मुझे आप सभी माताओं-बहनों में यशोदा मैया की ममता और मीराबाई के समर्पण के दर्शन हो रहे हैं लेकिन सैकड़ों वर्षों से प्रचलित एक सामाजिक बुराई को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। वृंदावन और इसी जैसे अनेक स्थानों में कठोर जीवन जीने वाली बेसहारा और उपेक्षित माताओं-बहनों की पीड़ा भी हमारे समाज की एक सच्चाई है। कहा कि बाल विवाह, सती प्रथा और दहेज प्रथा की तरह ही विधवा जीवन भी समाज की कुरीति है। यह एक सामाजिक बुराई है जो देश की संस्कृति पर एक कलंक है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ram Nath Kovind) ने कहा कि ऐसे अनेक उदाहरण देखने में आए हैं, जब महिलाओं के अपने बेटे या परिवार वाले ही, उन्हें वृंदावन में बेसहारा छोड़ गए और फिर लौटकर कभी उनका हाल पूछने नहीं आए। यह सामाजिक बुराई, देश की संस्कृति पर एक कलंक है। यह कलंक जितनी जल्दी मिट सके, उतना ही अच्छा होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा विचार है कि समाज में ‘कृष्णा कुटीर’ प्रकार के आश्रय-गृहों के निर्माण की आवश्यकता ही नहीं पड़नी चाहिए। प्रयास तो यह होना चाहिए कि निराश्रित महिलाओं के पुनर्विवाह, आर्थिक स्वावलंबन, पारिवारिक सम्पत्ति में हिस्सेदारी, सामाजिक और नैतिक अधिकारों की रक्षा जैसे उपाय किए जाएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, स्वामी दयानंद को इस दिशा में कुछ हद तक सफलता भी मिली। आप स्वयं को इसके लिए दोषी न समझें। समाज में पूरे सम्मान से जीने का अधिकार संविधान, सुप्रीम कोर्ट, प्रदेश सरकार और समाज के लाखों संवेदनशील लोग आपके साथ खड़े हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक जीवन से दूर हो गई इन माताओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए। तीज त्योहारों मेला उत्सव में उनकी अद्भुत भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए, जो हमेशा सफेद कपड़ों में रहती थीं वह रंगीन कपड़ों में हमारे सामने बैठी हैं। यह क्रांतिकारी परिवर्तन है।
इससे पहले उन्होंने श्रीबांकेबिहारी के दर्शन कर देश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2011 से आपके हक में आवाज बुलंद की। कृष्णा कुटीर जैसे आश्रय स्थल का निर्माण एक बहुत सराहनीय है। समाज में जागरूकता लाएं कि विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह, आर्थिक स्वावलंबन, पारिवारिक संपत्ति में हिस्सेदारी और सामाजिक अधिकारों की रक्षा के उपाय किए जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ram Nath Kovind) और प्रथम महिला सविता कोविंद सहित राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि विधवा माताएं भारत की उस कथित रूढ़िवादी व्यवस्था पर एक प्रहार भी हैं जो समाज की और व्यक्ति के जीवन की प्रगति को रोकने का कार्य करता है। मानवीय संवेदना को तार-तार ही करता है। राज्य सरकार ने न केवल वृंदावन में बल्कि वृंदावन के साथ ही वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर और प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार के निराश्रित महिलाओं के लिए स्थलों का निर्माण कराया है। जिससे कोई भी माता निराश न हो। मुख्यमंत्री ने यहां विधवा माताओं के लिए केंद्र और राज्य की विभिन्न सहयोगी योजनाओं की जानकारी भी राष्ट्रपति को दी।
President Ram Nath Kovind visited Krishna Kutir at Vrindavan, Uttar Pradesh today and interacted with the inmates.
Details: https://t.co/FkaQRRUjew pic.twitter.com/qvUcKbtUk4
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2022