लोकायुक्त ने दवा घोटाले के संबंध में दायर परिवाद पर उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद( Amit Mohan Prasad ) को नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे 28 जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा गया है।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ( Amit Mohan Prasad )की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई है। जिस पर पीएमओ ने मामले की जांच करने का आदेश मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को दिया है।
शिकायतकर्ता आर क्यूब ग्रुप ऑफ कंपनीज( R- Cube Group Of Companies ) के निदेशक महेश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद( Amit Mohan Prasad ) ने विद्वेष की भावना से कई जिलों का भुगतान रोका हुआ है।शिकायतकर्ता ने जांच की मांग की थी। पीएमओ ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच करने का आदेश दिया है।
सचिव लोकायुक्त अनिल कुमार सिंह ने लखनऊ निवासी राजेश खन्ना की तरफ से दायर परिवाद के संबंध में दोषारोपण संबंधी तथ्यों पर तथ्यात्मक, सुसंगत एवं तार्किक स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही साक्ष्य भी देने को कहा है। परिवाद में उत्तर प्रदेश मेडिकल कार्पोरेशन में भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए दवाओं एवं जीवन रक्षक उपकरणों की खरीद में घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया गया है। इससे पहले उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के छापों में मेडिकल कार्पोरेशन में करोड़ों की एक्सपायरी दवाएं बरामद हुई थीं। इससे संबंधित जांच अभी चल रही है।
आरोप लगाया गया है कि मेडिकल कार्पोरेशन में एक ही व्यक्ति की कंपनियों को लगातार लाभ पहुंचाया गया। इसी एक व्यक्ति की तीन कंपनियां अलग-अलग आर्डर लेकर सप्लाई कर रही हैं। एक ही टेंडर में उसकी तीनों कंपनियां प्रतिभाग करती हैं। शिकायतकर्ता ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ( Amit Mohan Prasad ) के अलावा मेडिकल कार्पोरेशन की तत्कालीन एमडी कंचन वर्मा जीएम उज्ज्वल कुमार व सिद्धार्थ बहादुर सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। कोरोना काल में घटिया पीपीई किट की सप्लाई पर भी सवाल उठाए हैं।