मध्य प्रदेश के इंदौर ( Indore) में एमवाय अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर डॉ. अपूर्वा ( Dr. Apoorva) ने जिंदगी से हारकर आत्महत्या कर ली । वह तीन साल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप भी कर रही थी। मौके से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने जिंदगी से हारने की बात लिखी है। साथ ही आई लव यू मम्पी-पापा भी लिखा है। दोस्तों के मुताबिक वह कई दिनों से डिप्रेशन में थी। वह मूल रूप से जबलपुर के नजदीक लखनादौन (सिवनी) की रहने वाली थी।
संयोगितागंज पुलिस थाने की उप निरीक्षक मनीषा दांगी ने बताया कि शहर के एक निजी छात्रावास में रहने वाली मेडिकल छात्रा डॉ. अपूर्वा ( Dr. Apoorva) ने कथित तौर पर निश्चेतक दवा की ज्यादा खुराक ले ली थी और इसकी जानकारी मिलने पर उसे उसके परिचितों ने नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई।अपूर्वा जावरा कंपाउड स्थित जेडी गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वह मूल रूप से सिवनी के आजाद वार्ड नंबर दो राम मंदिर के पास की रहने वाली थी।
डॉ. अपूर्वा ( Dr. Apoorva)के पिता जबलपुर में वकील हैं। छोटा भाई भी कॉलेज की पढ़ाई के साथ परिवार के काम में हाथ बंटाता है। उसके हॉस्टल के कमरे से एनेस्थिसिया व अन्य ड्रग के इंजेक्शन मिले हैं। संभवत: ओवर डोज के चलते उसकी मौत हुई है।
छात्रा के कमरे से एक डायरी मिली है जिसमें लिखा गया है कि वह जीवन से परेशान हो गई है। उन्होंने कहा कि इस कथित सुसाइड नोट की जांच की जा रही है और अभी पता नहीं चल सका है कि वह आखिर किस बात से परेशान थी। मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विभाग के प्रमुख डॉ. केके अरोड़ा ने कहा कि मेडिकल छात्रा ने उनसे या उनके किसी सहयोगी से किसी परेशानी का जिक्र नहीं किया था। उन्होंने कहा,” छात्रा शनिवार को हमारे विभाग में काम के लिए आई थी और उसकी रविवार को भी ड्यूटी थी।” डॉ. अरोड़ा के मुताबिक छात्रा की एक सहपाठी युवती ने रविवार सुबह उसे फोन किया तो उसने कॉल नहीं उठाया और इससे चिंतित उसकी साथी छात्रा जब उसके कमरे में पहुंची तो उसने उसे बेसुध हालत में देखा और अस्पताल पहुंचाया। जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।