उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Moradabad ) जिले में फर्नीचर के 2.67 लाख रुपये का भुगतान न करने के मामले में फंसे एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा के खिलाफ शासन ने कार्रवाई की है। शासन ने उन्हें फर्नीचर कारोबारी जाहिद अहमद के घर पर बुलडोजर चलवाने के मामले में दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है। एडीएम (प्रशासन) की जांच रिपोर्ट में गलत ढंग से फर्नीचर कारोबारी के घर पर बुलडोजर चलवाने का उन्हें प्रारंभिक जांच में दोषी पाया गया था। कमिश्नर के माध्यम से शासन पहुंची इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
मुरादाबाद (Moradabad ) में एसडीएम घनश्याम वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बिलारी में बतौर एसडीएम तैनाती के दौरान एक फर्नीचर कारोबारी के शोरूम से 2.67 लाख रुपए का फर्नीचर लिया था। जब फर्नीचर कारोबारी ने पेमेंट मांगा तो एसडीएम ने कारोबारी के घर को अवैध बताते हुए बुलडोजर चलवा दिया।
एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा बिलारी के फर्नीचर कारोबारी से सामान लेने के बाद रुपये मांगने पर गुस्से में आ गए थे। फर्नीचर के दो लाख 65 हजार रुपये मांगने पर एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा ने पहले तो फर्नीचर कारोबारी को धमकाया था। इसके बाद भी जब कारोबारी रुपये देने के लिए कहने लगा तो एसडीएम बिलारी ने तुरंत टीम को बुलडोजर लेकर कारोबारी के घर पर पहुंचने के आदेश दिए थे।
बिलारी में एसडीएम के पद पर तैनात रहते हुए उन्होंने 12 जुलाई को तहसील क्षेत्र के स्टेशन रोड निवासी फर्नीचर कारोबारी जाहिद अहमद के घर की दीवार बुलडोजर चलवा कर गिरवा दी थी। इस संबंध में एसडीएम का कहना था कि तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण करने पर यह कार्रवाई की गई है। जबकि फर्नीचर कारोबारी का आरोप था कि एसडीएम ने उनसे फर्नीचर उधार लिए थे। जिसकी कीमत मांगने पर यह कार्रवाई की गई है। फर्नीचर कारोबारी ने यह शिकायत डीएम और कमिश्नर से की थी।
मुरादाबाद (Moradabad ) डीएम के निर्देश पर एडीएम (प्रशासन) सुरेंद्र कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए थे। एडीएम ने अपनी प्रारंभिक जांच में एसडीएम घनश्याम वर्मा को दोषी पाया था। जिसके बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने उन्हें मुख्यालय संबद्ध कर दिया था। साथ ही यह रिपोर्ट कमिश्नर को भेज दी थी। कमिश्नर ने यह जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। जिसका संज्ञान लेते हुए शासन ने मंगलवार को घनश्याम वर्मा को निलंबित कर दिया। एडीएम (प्रशासन) ने उनके निलंबन का आदेश जिला मुख्यालय पहुंच जाने की पुष्टि की है।