Monday, April 21, 2025

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जस्टिस यूयू ललित होंगे देश के अगले नए प्रधान न्यायाधीश,जस्टिस एनवी रमण ने की सरकार से सिफारिश

CJI NV Ramana recommends justice UU Lalit as next Chief Justice Of India

CJI NV Ramana recommends justice UU Lalit as next Chief Justice Of Indiaसुप्रीम कोर्ट () के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण ने आज अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस यूयू ललित( Justice UU Lalit ) को चुन लिया। उन्होंने सरकार से जस्टिस ललित को नया सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों के क्रम में जस्टिस रमण के बाद जस्टिस यूयू ललित( Justice UU Lalit ) का ही नाम आता है। इसलिए उन्हें ही उत्तराधिकारी चुना गया है। जस्टिस ललित देश के 49 वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। सीजेआई रमण इसी माह 26 तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि,  उनका कार्यकाल भी तीन माह का ही रहेगा। जस्टिस यूयू ललित नवंबर में रिटायर होने वाले हैं।

न्यायमूर्ति रमण ने 24 अप्रैल 2021 को देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला था। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े की जगह ली थी। सीजेआई 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।न्यायमूर्ति ललित के अगला सीजेआई नियुक्त होने पर उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा, क्योंकि वह इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

सीजेआई के रूप में जस्टिस यूयू ललित( Justice UU Lalit ) उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस  नज़ीर और जस्टिस  इंदिरा बनर्जी शामिल होंगे।

जस्टिस  बनर्जी के 23 सितंबर को सेवानिवृत्त होने के साथ ही जस्टिस  के एम जोसेफ कॉलेजियम में प्रवेश करेंगे, जस्टिस ललित 8 नवंबर को सीजेआई के रूप में सेवानिवृत्त होंगे। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़  50 वें सीजेआई के तौर पर नियुक्त होंगे।

जस्टिस ललित ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। उन्होंने अगस्त 2017 में तीन तलाक पर संवैधानिक बेंच के जरिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जस्टिस ललित ने 3-2 के बहुमत से तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर फैसले को 6 महीने तक रोककर सरकार को कानून बनाने के फेवर में थे। लेकिन जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस आर एफ नरिमन और जस्टिस ललित ने फैसला सुनाते हुए लिखा कि तीन तलाक संविधान का उल्लंघन है। इसके अलावा जस्टिस ललित ने ट्रावणकोर की शाही परिवार को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था। जस्टिस ललित की आगुवाई वाली बेंच ने फैसला दिया था कि केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के मैनेजमेंट का अधिकर ट्रावणकोर के शाही घराने को है।

जस्टिस ललित के नेतृत्व वाले बेंच ने पाक्सो कानून पर भी बड़ा फैसला दिया था। बेंच ने अपने फैसले कहा था कि बच्चे के सेक्सुअल पार्टी या सेक्सुअल मंशा से फिजिकल कॉन्टैक्ट यौन प्रताड़ना माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पाक्सो (POCSO) एक्ट के सेक्शन 7 के तहत इसे यौन प्रताड़ना माना जाएगा। बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के स्कीन टु स्कीन टच के फैसले को बदलते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाने में गलती की। कोर्ट ने कहा कि अगर स्कीन टु स्कीन संपर्क नहीं भी हुआ तो भी सेक्सुअल मंशा को फैसला सुनाने में इनकार नहीं किया जा सकता है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels