Thursday, July 04, 2024

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38 साल बाद सियाचिन में मिला लांसनायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर,ग्लेशियर की चपेट में आने से हुए थे शहीद

Body of Lance Naik Chandrashekhar found after 38 years in Siachen, was martyred in an avalanche

 ( )  निवासी 19 कुमाऊं रेजीमेंट के लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला( Lance Naik Chandrashekhar Harbol) का पार्थिव शरीर 38 साल बाद भी सुरक्षित है। परिजनों ने बताया कि अभी तक उन्हें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार शहीद की पार्थिव देह अब भी सुरक्षित अवस्था में है। सियाचिन में बर्फ में दबे रहने की वजह से शहीद की पार्थिव देह को नुकसान नहीं हुआ है।

शहीद चंद्रशेखर ( Lance Naik Chandrashekhar  Harbol)का जब शव मिला तो उनकी पहचान के लिए उनके हाथ में बंधे ब्रेसलेट का सहारा लिया गया। इसमें उनका बैच नंबर और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज थीं। बैच नंबर से सैनिक के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। इसके बाद उनके परिजनों को सूचना दी गई।

भारत-पाकिस्तान की झड़प के दौरान मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई थी। इसमें लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला भी शामिल थे। सभी सैनिक सियाचिन में ग्लेशियर टूटने की वजह से इसकी चपेट में आ गए थे। जिसके बाद किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं थी। भारत सरकार और सेना की ओर से सैनिकों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसमें 15 सैनिकों के शव मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चल सका था।

रविवार को रानीखेत स्थित सैनिक ग्रुप केंद्र की ओर से शहीद चंद्रशेखर हर्बोला ( Lance Naik Chandrashekhar  Harbol)के परिजनों को सूचना भेजी गई कि उनका पार्थिव शरीर सियाचिन में मिला है। उनके साथ एक और सैनिक का पार्थिव शरीर मिलने का सूचना मिली है।

बता दें कि सियाचिन दुनिया के दुर्गम सैन्य स्थलों में से एक है। यह बहुत ऊंचाई पर स्थित है, जहां जीवित रहना एक सामान्य मनुष्य के बस की बात नहीं है। भारत के सैनिक आज भी वहां पर अपनी ड्यूटी निभाते हैं। 1984 में देश के सैनिकों ने इस जगह को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लिया था। इस अभियान में कई सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी।

सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी पुष्कर भंडारी ने बताया कि जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम तक शहीद का पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंचने की उम्मीद है।कहा कि शहीद का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर किया जाएगा। अंतिम संस्कार को लेकर तैयारियां कर ली गईं हैं।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels