राजस्थान ( Rajasthan ) के जयपुर ( Jaipur ) में गुरुवार को एक पुजारी ने खुद को आग लगा ली। आग से पुजारी का 60 फीसदी से ज्यादा शरीर ज्यादा झुलस गया है। उन्हें गंभीर हालत में जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने पूरे मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है। अब पुजारी का सुसाइड नोट भी सामने आया है। जो पुजारी के परिवार ने भी पुलिस को दिया। इस नोट में कुछ लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। पंडित के बेटे जानू शर्मा ने बताया कि उसे मंदिर में मूर्ति के पीछे सुसाइड नोट मिला।
संत समाज ने पुलिस प्रशासन को आरोपियों पर कार्रवाई के लिए तीन दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि राजस्थान में साधु के प्रयास का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक महीने के अंदर तीन साधु आत्महत्या कर चुके हैं। लगातार हो रही इन तरह की घटनाओं से संत समाज में आक्रोश है।
जयपुर ( Jaipur ) के मुरलीपुरा थाना इलाके के लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी गिर्राज शर्मा ने गुरुवार को खुद को आग लगाने वाले पुजारी की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। शुरुआती जांच में सामने आया है कि पुजारी और मंदिर समिति के सदस्यों के बीच विवाद चल रहा था। सदस्य पुजारी को उनके पद से जबरन हटाना चाहते थे। इसे लेकर उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे। इससे तंग आकर पुजारी गिर्राज शर्मा ने गुरुवार सुबह खुद को आग लगा ली।
जयपुर( Jaipur ) पुलिस ने विकास समिति के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। दिनेशचंद धारीवाल (42) मूल चंद मान (68) रामकिशन शर्मा (70) और सांवरमल अग्रवाल (63) को गिरफ्तार किया।घटना को लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आये हैं, पुलिस उनकी भी जांच कर रही है।
बता दें कि इससे पहले भरतपुर के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन खनन के विरोध में संत समाज के लोग 20 जुलाई को प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पसोपा में आंदोलन स्थल पर संत विजयदास ने खुद को आग लगा ली। पुलिस और अन्य लोगों ने उन्हें फौरन कंबल में लपेट दिया, लेकिन तब तक वह 80 फीसदी झुलस चुके थे। गंभीर हालत में उन्हें जिले आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया। हालात बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
जालोर जिले के राजपुरा गांव में 6 अगस्त को संत रविनाथ महाराज ने सुंधा तलहटी के पास फांसी लगाकर जान दे दी थी। ग्रामीणों ने संत का शव मंदिर के बाहर सड़क किनारे खड़े पेड़ से लटकता देखा था। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला था, लेकिन जांच प्रभावित होने की बात कहकर पुलिस ने उसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। हालांकि, जांच के दौरान भीनमाल से भाजपा विधायक पूराराम चौधरी से संत का जमीन विवाद होने की बात सामने आई थी। सीआईडी मामले की जांच कर रही है।
भरतपुर के भुसावर थाना इलाके के महतौली गांव में तीन अगस्त को संत बुद्धि सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मंदिर के बाहर पेड़ से उनका शव लटका हुआ मिला था। संत नेत्रहीन थे, 20 साल पहले बीमारी के कारण संत की आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके बाद से वह गांव के बाहर एक शिव मंदिर पर रहकर पूजा-पाठ करते थे। परिवार में कोई नहीं होने के कारण गांव के लोग ही उनके खाने पीने सहित अन्य जरूरी चीजों का इंतजाम करते थे।
Jaipur, Rajasthan | A priest self-immolated himself. Police reached the spot & he was admitted to hospital, his treatment is underway. FIR registered, there was some dispute between the priest & a society group due to which he committed such an act: Vandita Rana, DCP West (18.08) pic.twitter.com/p97y4CyhPU
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 18, 2022