बुंदेला राजाओं के जमाने की पूर्व रियासत गौरिहार की रानी एवं मप्र विधानसभा की पूर्व विधायक स्वतंत्रता सेनानी सरोज गौरिहार( Saroj Gaurihar ) का आगरा (Agra ) में निधन रविवार सुबह हो गया। उनके निधन से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। 92 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी नागरी प्रचारिणी सभा की सभापति होने के साथ ही शहर की कई सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ीं थीं।
भारत की सबसे कम उम्र की स्वतंत्रता सेनानियों में से एक, रानी सरोज गौरीहार 6 महीने की थीं, जब उन्हें अपनी मां सत्यवती रावत के साथ जेल में डाल दिया गया था।रानी सरोज गारिहार ( Saroj Gaurihar )के निधन की खबर सुनकर आगरा (Agra )में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर उनके लिए श्रद्धाजंलि अर्पित की जा रही हैं। उनके निवास कमला नगर प्रोफेसर कालोनी में हर आम और खास लोगों का तांता लगा है।रानी सरोज गौरिहार ( Saroj Gaurihar )ने स्वाधीनता आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। उनका साहित्य से भी गहरा जुड़ाव था। नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने साहित्य के लिए भी कार्य किया। वह सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहती थीं।
रानी सरोज गौरिहार( Saroj Gaurihar ) को आगरा के लोग ‘दीदी’ कहकर पुकारते थे। उन्होंने ब्रजभाषा, खड़ी बोली और राधाकृष्ण पर कई साहित्य लिखे हैं। उनके द्वारा लिखा गया भगवान श्रीराम को विस्मृत मांडवी खंड काव्य को खूब प्रशंसा मिली। रविवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
उनका जन्म जगन प्रसाद रावत और सत्यवती रावत के घर कचहरी घाट में हुआ था।भारत की सबसे कम उम्र की स्वतंत्रता सेनानियों में से एक, रानी सरोज गौरीहार 6 महीने की थीं, जब उन्हें अपनी मां सत्यवती रावत के साथ जेल में डाल दिया गया था।
स्वाधीनता आंदोलन में वे वर्ष 1943 में एक वर्ष तक जेल में रहीं।अगस्त क्रांति, 1942 में नौ अगस्त को उन्होंने अपनी सहपाठियों के साथ सिंगी गली स्थित सीनियर बालिका पाठशाला को बंद करा दिया था। सभी छात्राएं स्कूल की सीढ़ियों पर खड़ी हो गई थीं। शिक्षकों को छाेड़कर किसी को स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया था। यूनियन जैक को सलामी देने से भी इन्कार कर दिया था। उस समय वह सातवीं कक्षा में पढ़ती थीं।
उनका विवाह महाराज प्रताप सिंह देव से हुआ था। वह बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के गौरिहार के निवासी थे। गौरिहार स्टेट के वह राजा थे। उनके निधन के बाद सरोज गौरिहार आगरा आ गईं और कमला नगर स्थित आवास पर रहने लगीं। चेस्ट में इंफेक्शन होने पर उन्हें आगरा हार्ट सेंटर में तीन दिन पूर्व भर्ती कराया गया था। धीरे-धीरे उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। रविवार सुबह 4:15 बजे उन्होंनेे अंतिम सांस ली।