नोएडा ( Noida ) में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर ( Twin Towers ) धमाके के बाद जमींदोज हो गए।टावर के ढहते ही आसमान में धुएं का बड़ा सा गुबार दिखाई दिया। माना जा रहा है कि दो-तीन घंटे तक हवा में धूल का गुबार रहेगा। हेल्थ इमरजेंसी को लेकर तीन अस्पताल अलर्ट मोड में हैं।
नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर ( Twin Towers )नेस्तानाबूत हो गए हैं। महज 8 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारतें स्वाहा हो गईं। इसके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था। मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद हैं। वहीं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर मौजूद हैं जिनसे पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई हैं।
नोएडा में भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा सुपरटेक ट्विन टॉवर जमींदोज हो चुका है। जैसे ही दोपहर के 2ः30 बजे, एक तेज धमाके के साथ पूरी इमारत ढह गई। 32 मंजिला इमारत को गिरने में महज आठ सेकंड का वक्त लगा।नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे आम लोगों के लिए खोल दिया गया। पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोट की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसकी खासियत यही रही कि आसपास की किसी इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा। घनी आबादी के बीचोंबीच बने दोनों टावर अपनी जगह पर जमींदोज हो गए और केवल धूल का गुबार ही नजदीकी इमारतों तक पहुंचा।
टावर गिराने का काम भारत की एडिफाइस और साउथ अफ्रीका की कंपनी जेट डिमोलिशन को मिला। जेट कंपनी को मुश्किल डिमोलिशन के 5 अवार्ड मिल चुके हैं। वह जोहान्सबर्ग में 108 मीटर ऊंची बैंक ऑफ लिस्बन की बिल्डिंग, साउथ अफ्रीका में ही एक पावर स्टेशन और राजधानी प्रिटोरिया में घनी आबादी में बने 14 मंजिला ट्विन टावर गिरा चुकी है। एडिफाइस भी गुजरात का ओल्ड मोटेरा स्टेडियम गिरा चुकी है।
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘अभी तक सबकुछ प्लानिंग के हिसाब से हुआ है। साफ-सफाई का काम शुरू हो गया है। एक्यूआई डेटा भी ठीक है। बिजली की सप्लाई फिर से शुरू कर दी गई है।
ट्विन टावर गिरने से करीब 60 से 80 टन मलबा इकट्ठा हो गया है। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने बताया कि इन मलबे के हटाने में तीन महीने लगेंगे। मलबे का ज्यादा हिस्सा यहीं पर यूज हो जाएगा, जबकि कुछ यहां से हटा दिया जाएगा।
कहानी 23 नंवबर 2004 से शुरू होती है। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया। आवंटन के साथ ग्राउंड फ्लोर समेत 9 मंजिल तक मकान बनाने की अनुमति मिली। दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 को अनुमति में संशोधन कर दिया गया। नोएडा अथॉरिटी ने संसोधन करके सुपरटेक को नौ की जगह 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी। इसके बाद अथॉरिटी ने टावर बनने की संख्या में भी इजाफा कर दिया। पहले 14 टावर बनने थे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 15 फिर इन्हें 16 कर दिया गया। 2009 में इसमें फिर से इजाफा किया गया। 26 नवंबर 2009 को नोएडा अथॉरिटी ने फिर से 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया।
दो मार्च 2012 को टावर 16 और 17 के लिए एफआर में फिर बदलाव किया। इस संशोधन के बाद इन दोनों टावर को 40 मंजिल तक करने की अनुमति मिल गई। इसकी ऊंचाई 121 मीटर तय की गई। दोनों टावर के बीच की दूरी महज नौ मीटर रखी गई। जबकि, नियम के मुताबिक दो टावरों के बीच की ये दूरी कम से कम 16 मीटर होनी चाहिए।
अनुमति मिलने के बाद सुपरटेक समूह ने एक टावर में 32 मंजिल तक जबकि, दूसरे में 29 मंजिल तक का निर्माण भी पूरा कर दिया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और ऐसा पहुंचा कि टावर बनाने में हुए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक खुलती गईं। ऐसी खुलीं की आज इन टावरों को जमींदोज करने की नौबत आ गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में सात साल चली लड़ाई के बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया। इसके बाद इस तारीख को आगे बढ़ाकर 22 मई 2022 कर दिया गया। हालांकि, समय सीमा में तैयारी पूरी नहीं हो पाने के कारण तारीख को फिर बढ़ा दी गई।
ट्विन टावर ( Twin Towers )गिराए जाने से कुछ समय पहले सुपरटेक का बयान आया है। बयान में कहा गया है कि प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद हमने टावर का निर्माण किया था। हालांकि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया है और दोनों टावरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं और उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने एक विश्व प्रसिद्ध कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को ध्वस्त का काम सौंपा है, जिनके पास ऊंची इमारतों को सुरक्षित रूप से गिराने में विशेषज्ञता है। हमने करीब 70000 से अधिक लोगों फ्लैट्स तैयार करके दे दिए हैं। बाकि लोगों को भी निर्धारित समय में दे दिए जाएंगे
।#WATCH उत्तर प्रदेश: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराया गया। pic.twitter.com/c5895lgn2Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2022
#WATCH | ‘Controlled implosion’ turns Noida’s #SupertechTwinTowers to dust pic.twitter.com/zDksI6lfIF
— ANI (@ANI) August 28, 2022