मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh ) के खरगोन ( Khargone ) जिला मुख्यालय स्थित कलेक्टर कार्यालय की नकल शाखा के कर्मचारी को 500 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में मंडलेश्वर न्यायालय ने 4 वर्ष कारावास और साढ़े सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जिला न्यायालय मंडलेश्वर के विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सोलंकी ने बताया कि 28 मई 2015 को उज्जैन निवासी अजय गुप्ता ने लोकायुक्त पुलिस इंदौर को एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था। जो भू-अभिलेख खरगोन ( Khargone ) के प्रकरण में डायवर्सन से संबंधित था।
इस पूरे प्रकरण में नकल प्राप्त करने के लिए निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त 500 रुपए की रिश्वत की मांग नकल शाखा के सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ राजेन्द्र लखोरिया ने की थी। इस मामले में लोकायुक्त निरीक्षक आशा सेजकर को कार्रवाई के आदेश हुए। जिस पर लोकायुक्त निरीक्षक सेजकर ने कार्रवाई करते हुए कर्मचारी राजेन्द्र को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा।
इस मामले में विवेचना के बाद लोकायुक्त पुलिस ने अभियोग पत्र मंडलेश्वर न्यायालय में पेश किया। मामले में सुनवाई करते न्यायालय ने कर्मचारी राजेन्द्र को दोषी पाते हुए चार वर्ष के कारावास और साढ़े सात हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले विशेष लोक अभियोजक सोलंकी द्वारा पैरवी की गई।