Saturday, September 21, 2024

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सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Former Soviet President Mikhail Gorbachev dies at 91

Former Soviet President Mikhail Gorbachev dies at 91सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति और शीत युद्ध को समाप्त करने वाले मिखाइल गोर्बाचेव( Mikhail Gorbachev) का मंगलवार को  में  निधन हो गया, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल के एक बयान के हवाले से कहा कि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया।इसके अलावा कोई अन्य जानकारी नहीं दी गई है।

मिखाइल गोर्बाचेव यूनाइटेड यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) के अंतिम नेता थे। वह एक युवा और ओजस्वी सोवियत नेता थे, जो नागरिकों को स्वतंत्रता देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों की तर्ज पर कम्युनिस्ट शासन में सुधार करना चाहते थे। 1989 में जब साम्यवादी पूर्वी यूरोप के सोवियत संघ में लोकतंत्र समर्थक विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए थे, तो भी गोर्बाचेव ने बल प्रयोग करने से परहेज किया था।

बता दें कि गोर्बाचेव ( Mikhail Gorbachev) का जन्म दो मार्च 1931 को एक गरीब परिवार में हुआ था। वह स्टालिन के राज में पले-बढ़े और बड़े हुए। उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी। वह सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति (1990-91) थे। इससे पहले वह 1985 से 1991 तक सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव रहे थे। इसके अलावा वह कई बड़े पदों पर रहे।1988 से 1989 तक वह सुप्रीम सोवियत के प्रेसिडियम के अध्यक्ष रहे। 1988 से 1991 तक वह स्टेट कंट्री प्रमुख रहे। 1989 से 1990 तक उन्होंने सुप्रीम सोवियत के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

सोवियत संघ टूटने के बाद गोर्बाचेव ( Mikhail Gorbachev) को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि उन्होंने कई बार कहा कि वो बिल्कुल नहीं चाहते थे कि सोवियत संघ का विघटन हो।सोवियत संघ टूटने के बाद गोर्बाचेव ने रूस में फिर चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था। राष्ट्रपति पद के चुनाव में वह सातवें पायदान पर रहे। बाद में वह पुतिन के जबरदस्त आलोचक बन गए।

उन्होंने ग्लासनोस्ट की नीति (पूर्व सोवियत संघ में 1985 में मिखाइल गोर्बाचेव ( Mikhail Gorbachev) द्वारा शुरू की गई सरकार को खुलकर सलाह देने और सूचना के व्यापक प्रसार की नीति) और भाषण की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी, जिसपर उनके पहले के शासन के दौरान गंभीर रूप से अंकुश लगा दिया गया था। गोर्बाचेव ने पेरेस्त्रोइका या पुनर्गठन नामक आर्थिक सुधार का एक कार्यक्रम भी शुरू किया जो आवश्यक था, क्योंकि सोवियत अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति और आपूर्ति की कमी दोनों से जूझ रही थी। उनके समय में प्रेस और कलात्मक समुदाय को सांस्कृतिक स्वतंत्रता दी गई थी।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels