जम्मू विश्वविद्यालय ( Jammu University ) के मनोविज्ञान के प्रोफेसर चंद्रशेखर ने अपने विभाग में ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।आत्महत्या करने से एक घंटा पहले ही प्रोफेसर को उनका निलंबन पत्र मिला था। यह पत्र जम्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की तरफ से जारी किया गया था।
एसोसिएट प्रोफेसर चंद्र शेखर ने जिस कमरे में फांसी लगाया, वहां सामने बोर्ड पर एक लाइन लिखी थी। ‘सब सच है, क्योंकि कहानी झूठी है।’ इसके नीचे उन्होंने साइन किए। आज की तारीख भी लिखी, लेकिन वर्ष 2022 की जगह 2021 लिखा।
एसोसिएट प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ एक सितंबर को विभाग की 22 से 23 छात्राओं ने एक साथ डीन स्टूडेंट वेलफेयर के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि चंद्रशेखर उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। शिकायत के बाद इस मामले को जांच के लिए जम्मू विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न आंतरिक शिकायत समिति के पास भेज दिया गया।
बुधवार 7 सितंबर को शाम 4 से 5 बजे के बीच जम्मू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का एक कर्मचारी निलंबन का पत्र लेकर चंद्रशेखर के कमरे में पहुंचा और इसके आधे घंटे के बाद ही चंद्रशेखर ने कमरा अंदर से बंद कर लिया। कुछ देर बाद उक्त कर्मी दोबारा उनके पास आया तो देखा कि कमरा अंदर से बंद है।

उसने इसकी जानकारी रजिस्ट्रार कार्यालय में दी। इसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय ( Jammu University )स्टाफ सदस्य मौके पर पहुंच गए और दरवाजे को खटखटाया। कोई जवाब न मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर चंद्रशेखर रस्सी से पंखे के साथ फंदा लगाकर लटके मिले। पुलिस को घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन भी मिला है, जिसको फिलहाल जब्त कर लिया गया है।