सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly ) और सचिव जय शाह (Jay Shah ) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े मामले में इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही कूलिंग ऑफ पीरियड से जुड़े संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अब गांगुली और जय शाह के कार्यकाल पर फिलहाल कोई संकट नहीं है। अब यह दोनों लगातार दूसरी बार अपने-अपने पद पर बने रहेंगे।
दरअसल, बीसीसीआई(BCCI) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि उनके अधिकारियों को लगातार दो कार्यकाल तक बने रहने की इजाजत दी जाए। बोर्ड का कहना था कि राज्य क्रिकेट संघों में भी तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होने के कारण बीसीसीआई में उसके प्रमोशन में या दूसरे पदभार को ग्रहण करने में दिक्कतें आती हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एक कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड की ज़रूरत नहीं है, लेकिन दो कार्यकाल के बाद ऐसा किया जा सकता है। इससे साफ है कि सौरव गांगुली और जय शाह आने वाले तीन साल तक अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब राज्य क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के कार्यकाल को एक साथ नहीं माना जाएगा। ऐसे में कोई अधिकारी राज्य क्रिकेट में छह साल काम करने के बाद बीसीसीआई में भी छह साल काम कर सकता है, लेकिन किसी एक संस्था में लगातार छह साल से ज्यादा काम नहीं कर सकता।
बीसीसीआई(BCCI) में लगातार छह साल पूरे होने के बाद उसके लिए तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड अभी भी जरूरी होगा। वहीं, राज्य क्रिकेट एसोसिएशन में यह कूलिंग ऑफ पीरियड दो साल का होगा। बीसीसीआई में तीन साल काम करने के बाद कोई व्यक्ति तीन साल राज्य क्रिकेट एसोसिएशन में भी पद पर रह सकता है। इसके लिए कूलिंग ऑफ पीरियड की जरूरत नहीं होगी।