जिग्नेश मेवाणी ( Jignesh Mevani ) और 19 अन्य के खिलाफ 2016 में विश्वविद्यालय थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला गुजरात विश्वविद्यालय के कानून विभाग के एक निर्माणाधीन भवन का नाम डॉ. बीआर आंबेडकर के नाम पर रखने की मांग को लेकर शुरू हुआ था। इस मांग पर जोर देने के लिए मेवाणी ने सड़क जाम कर दिया था।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना) और 147 (दंगा) के साथ-साथ गुजरात पुलिस कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।इस केस में 20 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है। अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शुक्रवार को विधायक जिग्नेश मेवाणी, सुबोध परमार, राकेश मेहरिया समेत 19 को 6 महीने जेल की सजा सुनाई।
कोर्ट ने पूरे मामले में दर्ज तीन केस में सजा सुनाई है। पहले केस में 6 महीने की जेल, दूसरे में 500 रुपए जुर्माना और तीसरे में 100 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
प्रमुख दलित नेता जिग्नेश मेवाणी( Jignesh Mevani ) 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते थे। बाद में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपनी गुजरात इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था।
Ahmedabad court sentences Gujarat Congress working president and MLA Jignesh Mevani, 18 others to 6-month simple imprisonment in 2016 case of rioting and unlawful assembly
— Press Trust of India (@PTI_News) September 16, 2022
https://platform.twitter.com/widgets.js