राजस्थान ( Rajasthan ) के कोटा विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष और अनुसंधान निदेशक प्रोफेसर आशु रानी (Prof. Ashu Rani) आगरा के डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की नई कुलपति नियुक्त हुई हैं। वो शनिवार को पदभार ग्रहण करेंगी।
चार दिन पहले ही कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल ने डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ( Dr B R Ambedkar University ) का निरीक्षण किया था। उन्होंने प्रभारी कुलपति से विश्वविद्यालय की छवि को लेकर नाखुशी भी जताई थी, जिसके बाद 15 माह से प्रभारी कुलपतियों के सहारे चल रहे विश्वविद्यालय में अब कोटा विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आशु रानी (Prof. Ashu Rani) को स्थायी कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रो. आशु रानी (Prof. Ashu Rani) की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने से तीन साल के लिए की गई है।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की नई कुलपति प्रो. आशु रानी मूलतः आगरा की ही रहने वाली है , उनका पैतृक घर आगरा के दयालबाग में है।उनकी मां डॉ. सरला वर्मा आगरा के बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर रही हैं। वहीं से वो रिटायर हुई हैं।
विश्वविद्यालय में 5 जुलाई 2021 से कुलपति का पद रिक्त चल रहा था। 5 जुलाई 2021 को तत्कालीन कुलपति प्रो. अशोक मित्तल को वित्तीय अनियमितता के चलते कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल द्वारा पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह पर उस समय प्रभारी कुलपति के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को भेजा गया था। उस समय ये माना जा रहा था कि प्रो. अशोक मित्तल पर चल रही जांच के बाद उनकी वापसी हो जाएगी। मगर इस दौरान दिसंबर 2021 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद संभावना था कि जल्द ही विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिल जाएगा। 24 जनवरी 2022 को विश्वविद्यालय के कुलपति तो बदले, लेकिन तब भी स्थायी कुलपति नहीं आए। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक को नया प्रभारी कुलपति बनाया गया।
वर्तमान में प्रो. विनय पाठक आगरा विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति का पद संभाल रहे थे। उन्हें भी इस पद पर सात महीने हो गए थे। उनके कार्यकाल में पहले मुख्य परीक्षा में पेपर लीक का मामला हुआ। अब बीएएमएस की कॉपी ही रास्ते में बदलने का मामला सामने आया है। इसके साथ परीक्षा में नकल के भी मामले सामने आए हैं। प्रो0 पाठक ने विश्वविद्यालय के संस्थानों में बड़े पैमाने पर तबादले किए और साथ ही कई महत्वपूर्ण विभाग भी मुख्य परिसर से स्थानांतरित कर दिए जिससे विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारियों और कर्मचारियों में रोष व्याप्त था।
इस सबके चलते राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में हुई गड़बड़ियों की एसआईटी जाँच संस्थित कर दी गई। माना जा रहा है कि कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल इन सभी धाँधलियों और राज्य सरकार द्वारा की जा रही जाँच को लेकर नाखुश थीं और यह उन्होंने कुछ दिन पहले किए गए विश्वविद्यालय के दौरे के समय कार्यवाहक कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक को ज़ाहिर भी कर दिया था। कुलाधिपति के दौरे के बाद से ही विश्वविद्यालय में क़यास लगाए जा रहे थे कि प्रो0 पाठक के स्थान पर नए कुलपति की नियुक्ति जल्दी ही होने वाली है। आख़िरकार आज राजभवन द्वारा प्रो0 आशु रानी को विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई और प्रो0 पाठक का विवादों से घिरा कार्यकाल समाप्त हो गया।
देश में सर्वप्रथम स्थापित होने वाले गिने-चुने विश्वविद्यालयों में शुमार आगरा विश्वविद्यालय ( Agra University), जिसे आज डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। आए दिन यह विश्वविद्यालय घोटाले, कुलपतियों की मनमानी, परीक्षाओं में धांधली के लिए सुर्ख़ियों में रहने लगा है। हाल ही में स्थापित राजा महेंद्र प्रताप राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के अस्तित्व में आ जाने से इस विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार, जो कभी बंगाल तक विस्तृत था, आज केवल आसपास के चार ज़िलों में सिमट गया है।