उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) की राजनीति में भाजपा के लिए आगरा (Agra )बहुत भाग्यशाली शहर साबित हुआ है। इस शहर ने भाजपा को तीन सांसद, तीन मंत्री, नौ विधायक, मेयर, ज़िला पंचायत अध्यक्ष और तमाम अन्य संवैधानिक पदों से नवाज़ा है। हालात यह हैं कि आगरा की राजनीति में भाजपा के अलावा किसी और दल के लिए जनता ने जगह ही नहीं छोड़ी है।
इसके बदले में इन सभी भाजपाई जनप्रतिनिधियों ने आगरा को तोहफ़े में टूटी सड़कें, गड्ढे, बजबजाती नालियाँ, कीचड़ और गंदगी के ढेर देकर धन्यवाद दिया है। आगरा (Agra )के लब्धप्रतिष्ठ मेयर नवीन जैन ने जब इस गंदे, गड्ढेयुक्त और अराजकतापूर्ण शहर का नामकरण ‘नवीन आगरा’ किया, तो ढाँचागत समस्याओं से तीन साल से जूझ रही आगरा की आधा दर्जन कालोनियों ने भी तय कर लिया कि इन कालोनियों का भी ‘नवीन’ नामकरण कर दिया जाए।
आगरा (Agra )के दौरेठा, अवधपुरी, अलबतिया रोड की12 कॉलोनियों के लोगों ने समस्याओं के निदान न होने पर त्रस्त होकर आखिर आज कॉलोनियों के नाम ही बदल दिए। अवधपुरी का नाम रख दिया नरकपुरी, पंचशील कॉलोनी का नाम दुर्गंध शील कॉलोनी, मान सरोवर कॉलोनी हो गई नाला सरोवर कॉलोनी। इसी तरह बदबू विहार, घिनौना नगर और कीचड़ नगर कॉलोनी का नाम रखकर उनके बोर्ड लगा दिए हैं। इन कॉलोनियों के नाम के पुराने साइनेज की जगह फ्लैक्स पर नए नाम लिखवा कर लगा दिए गए हैं।
यह सभी कालोनियाँ उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य के चुनाव क्षेत्र में आती हैं, जहाँ मंत्री महोदया को कभी देखा नहीं गया। सिर्फ़ मंत्री ही नहीं, क्षेत्रीय सांसद राजकुमार चाहर भी इस इलाक़े में कभी नज़र नहीं आए हैं जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों ने सांसद और विधायक के लापता होने के पोस्टर लगाने के साथ अपने मकान बिकाऊ होने के पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं।

इस क्षेत्र में अर्जुन अवार्ड विजेता महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के निवास बने हुए हैं लेकिन फ़िलहाल सभी घरों के आगे गहरे गड्ढे, कीचड़ और बदबू का साम्राज्य है। आगरा विकास प्राधिकरण ने लगभग १० वर्ष पूर्व भीमनगरी के आयोजन के समय इस क्षेत्र का आधा-अधूरा विकास किया था, जिसमें नालों का कहीं कोई निकास नहीं बनाया गया और सड़कें भी आधी बनकर छोड़ दी गईं। अब विकास के नाम पर इस क्षेत्र की जनता ग्राम पंचायत और नगर निगम के क्षेत्र-विवाद में फँसकर घनचक्कर बनी हुई है।
क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि जैसे नगर निगम ने खुदे पड़े शहर को नवीन आगरा का नाम दिया है, इसी तरह इन छह कॉलोनियों के लोगों ने नाम बदलकर इसे नवीन आगरा की नई कॉलोनियों की पहचान बताया है, जहां सड़कों पर जलभराव है, सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और अधूरे नालों के कारण घरों के सामने पानी भरा है। रही-सही कसर जलनिगम ने सीवर और पानी की लाइन बिछाकर पूरी कर दी, जहां हर घर के सामने गड्ढे खुदे हैं और दो साल से मरम्मत तक नहीं कराई गई।
क्षेत्रीय लोगों ने शुक्रवार को हाथों में अपने मकान बिकाऊ होने के पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया और सांसद तथा विधायक के लापता होने के पोस्टर घरों के बाहर चस्पा कर दिए। उनकी शिकायत है कि कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई।
स्थानीय निवासी राजेंद्र सिंह ने कहा कि ‘सांसद, विधायक सब से कई बार मिल चुके, पर सड़क बनी, न जलभराव दूर हुआ। इसलिए हमने कॉलोनियों के नाम बदल दिए। नगर निगम और एडीए के अफसर खुद आकर देख लें कि यह नरकपुरी, बदबू विहार, कीचड़ नगर हैं या नहीं।
अखिलेश कुमार ने बताया कि ‘तीन साल से हालात ज्यादा खराब हैं। नालों की सफाई नहीं, सड़कें गायब हो चुकीं। लोगों का दर्द, उनकी समस्याएं कोई नहीं सुन रहा। एडीए अधूरी सड़क और नाले का काम छोड़ गया, जिससे सारी परेशानियां खड़ी हुई हैं।’