मुंबई-हावड़ा (Mumbai – Howrah)मेल से धक्का देकर अरुण भुइया (35) की मौत में नामजद जीआरपी(GRP) के दोनों सिपाही शनिवार को गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के आदेश पर उन्हें वाराणसी जेल में दाखिल करा दिया गया। उधर, एसपी ने दोनों को निलंबित भी कर दिया है। आरोपियों में में कृष्ण कुमार सिंह व आलोक कुमार पांडेय शामिल हैं। आलोक कानपुर जबकि कृष्ण कुमार रायबरेली का रहने वाला है। उन्हें प्रयागराज (Prayagraj ) से ही पकड़ा गया। पिछले करीब आठ महीनों से दोनों छिवकी स्टेशन पर तैनात थे।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें वाराणसी ले जाकर भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया। वहां रिमांड मंजूर होने के बाद उन्हें जेल में दाखिल करा दिया गया। उधर, जीआरपी (GRP) एसपी ने दोनों को निलंबित कर विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए हैं। इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि दोनों सिपाहियों को जेल भेज दिया गया है।
20 अक्तूबर को हुई घटना के संबंध में मृतक के दोस्त अर्जुन ने नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें आरोप लगाया है कि टिकट होने के बावजूद दोनों सिपाहियों ने जबरन रुपये वसूली की। न सिर्फ उसे व उसके दोस्त बल्कि बोगी में मौजूद अन्य यात्रियों को भी पीटा। साथ ही उसके दोस्त को धक्का दे दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई।
गुरुवार को मुंबई-हावड़ा मेल में अर्जुन भुइया पुत्र दासो निवासी सिमपाल गिरीडीह झारखंड अपने भाई अरुण के साथ सफर कर रहा था। ट्रेन जब छिवकी स्टेशन से निकली तो टीटीई चेकिंग करने लगे। रात करीब 9:20 बजे मेजा के ऊंचडीह के पास टिकट चेकिंग को लेकर कहासुनी हो गई। आरोप है कि जीआरपी (GRP) के दरोगा और सिपाहियों ने अरुण भुइया को ट्रेन से धक्का दे दिया जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में जीआरपी के दरोगा और सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था ।