Friday, September 20, 2024

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Delhi : गरीब सवर्णों को आरक्षण संविधान के खिलाफ नहीं ,ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, केंद्र सरकार की बड़ी जीत

Supreme Court EWS

Supreme Court EWS    (  ) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिल रहे आरक्षण पर अपनी मुहर लगा दी है। ये आरक्षण आगे भी लागू रहेगा। पांच जजों की बेंच ने 3-2 से  ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया। तीन जजों ने आरक्षण के लिए संविधान के 103वें संशोधन को सही ठहराया। वहीं, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने इस आरक्षण के खिलाफ अपनी राय रखी।

जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस बेला त्रिवेदी ने EWS आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया। इन जजों ने माना कि ये आरक्षण संविधान के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी को समान अवसर प्रदान करने का मौका है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर जो संशोधन किया गया है, वो संविधान की मंशा के अनुरूप है। वहीं, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने इसके खिलाफ अपनी राय रखी।

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार ने संविधान में 103वां संशोधन किया था। इसकी वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पांच जजों की पीठ ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। पांच सदस्यीय संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, एस रवींद्र भट, बेला एम त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला शामिल थे। मामले में मैराथन सुनवाई लगभग सात दिनों तक चली। इसमें याचिकाकर्ताओं और (तत्कालीन) अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर अपनी दलीलें रखीं।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि आरक्षण का मकसद सामाजिक भेदभाव झेलने वाले वर्ग का उत्थान था, अगर गरीबी आधार है तो उसमें एससी-एसटी-ओबीसी को भी जगह मिले। EWS कोटा 50 फीसदी आरक्षण की सीमा का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता के दावों पर सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सरकार की ओर से कहा गया कि EWS तबके को समानता का दर्जा दिलाने के लिए ये व्यवस्था जरूरी है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस व्यवस्था से आरक्षण पा रहे किसी दूसरे वर्ग को नुकसान नहीं है। 50% की जो सीमा कही जा रही है, वो कोई संवैधानक व्यवस्था नहीं है, ये सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से आया है। ऐसे में ये कहना गलत होगा कि इसके परे जाकर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels