पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड ( Rajiv Gandhi assassination case ) मामले में छह दोषियों को रिहा करने के खिलाफ केंद्र सरकार ने , सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी रिहाई के आदेश दिए थे। शनिवार को इन्हें तमिलनाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किया गया। इनमें नलिनी श्रीहरन, उसका पति वी श्रीहरन के अलावा संथन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं। इनमें श्रीहरन और संथान श्रीलंका के नागरिक हैं।
केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका में कहा- हमें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया। दोषियों ने केंद्र सरकार को याचिका में पार्टी नहीं बनाया। याचिकाकर्ताओं की इस गलती के कारण मामले की सुनवाई में भारत सरकार अपना पक्ष नहीं रख पाई। इससे नैचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा रिहा किए गए दोषियों में 2 श्रीलंकाई नागरिक हैं।
पिटीशन के मुताबिक- देश के कानून के तहत दोषी ठहराए गए दूसरे देश के आतंकवादी को छूट देने का इंटरनेशनल इफेक्ट होगा। इसलिए यह मामला भारत सरकार के तहत आता है। लिहाजा, इतने गंभीर मामले में भारत सरकार का पक्ष जानना बेहद जरूरी था। इस मामले का असर देश के लॉ एंड ऑर्डर के साथ ही जस्टिस सिस्टम पर होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 18 मई को इसी केस में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी। पेरारिवलन सहित सभी दोषी मामले में 31 साल उम्र कैद की काट चुके हैं।
नलिनी को दिसंबर 2021 में मां पद्मावती की देखभाल के लिए एक महीने की पैरोल दी गई थी। इसे राज्य सरकार बढ़ाती रही। उसने शनिवार को वेल्लोर के महिला जेल पहुंचकर रिहाई की कार्रवाई पूरी की। बाद में कहा- हमारा परिवार बहुत खुश है। मैं अपनों के साथ नया जीवन शुरू करने जा रही हूं।
राजीव गांधी ( Rajiv Gandhi )की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की धनु नाम की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे ।
Centre moves SC seeking review of order for premature release of six convicts in Rajiv Gandhi assassination case
— Press Trust of India (@PTI_News) November 17, 2022