गुजरात विधानसभा चुनाव ( Gujarat Elections 2022) में का एक गांव राज समाधियाला ( Raj Samadhiyala Village) ऐसा भी है, जहां राजनीतिक दलों व उनके प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार पर रोक है। मतदान न करने वाले लोगों को 51 रुपये जुर्माना भरना पड़ता है। गांव में यह नियम 39 वर्षों से हैं। ग्रामीण जागरूक मतदाता हैं। 100 फीसदी मतदान सुनिश्चित करते हैं।
गुजरात में एक व पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। इससे पहले ही राजकोट से 20 किमी दूर स्थित राज समाधियाला गांव ( Raj Samadhiyala Village)चर्चा का केंद्र बन गया। दरअसल, ग्रामीण ग्राम विकास समिति (वीडीसी) के नियमों से बंधे हैं। नियम तोड़ने पर जुर्माना भी भरना पड़ता है। इसमें चुनाव के दौरान वोट नहीं डालने का मामला भी शामिल है। अभी तक गांव में 100 फीसदी मतदान होता रहा है। गांव का सरपंच भी आम सहमति से चुना जाता है। सरपंच का कहना है कि जुर्माने के प्रावधान के कारण शत प्रतिशत मतदान होता है।
राज समाधियाला गांव ( Raj Samadhiyala Village)की कुल आबादी 1,700 है। इनमें से करीब 995 मतदाता हैं। सब अपनी मर्जी से मतदान करते हैं। ग्रामीणों ने एक समिति बनाई है। मतदान से कुछ दिन पहले समिति के सदस्य ग्रामीणों की बैठक बुलाते हैं। यदि कोई मतदान करने में असमर्थता जताता है तो उसका वाजिब कारण बताना पड़ता है।
राजनीतिक दलों व उनके प्रत्याशियों को गांव में प्रचार करने की अनुमति न देने का नियम 1983 से है। इसकी जानकारी राजनीतिक दलों को भी है। नेता जानते हैं कि गांव में प्रचार करने गए तो नुकसान उठाना पड़ेगा।गांव के लोग उस नेता को वोट देते हैं, जो उनके लिए अच्छा काम करता है। बैनर, पोस्टर लगाने या पर्चा बांटने की अनुमति किसी को नहीं है।
राज समाधियाला गांव हाईटेक है। इंटरनेट व वाईफाई की सुविधा है। सीसीटीवी कैमरे व आरओ प्लांट भी लगे हैं। इससे ग्रामीणों का जीवन सुविधाजनक हो जाता है। इससे पड़ोस के ग्रामीण भी प्रभावित हैं।यही नहीं कूड़ा फेंकने पर भी जुर्माना वसूला जाता है।