उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) सरकार ने 762 में 760 नगर निकायों में महापौर( Mayor) और चेयरमैन के सीटों के आरक्षण की अनंनतिम अधिसूचना जारी कर दिया है। इनमें 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 199 नगर पालिका परिषद और और 544 नगर पंचायतों के चेयरमैन की सीटें शामिल हैं। हालांकि आरक्षण सभी 762 नगर निकायों के लिए निर्धारित कर दिए गए हैं। लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद समेत महापौर की आठ सीटों को अनारक्षित रखा गया है। 2017 में ये तीनों सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात की ओर से जारी अधिसूचना पर 7 दिनों में सुझाव व आपत्ति मांगे गए हैं।
महापौर ( Mayor) और चेयरमैनों के आरक्षित सीटों की जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 1994 में दी गई व्यवस्था के अनुसार चक्रानुक्रम के आधार पर सीटों का आरक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार महापौर ( Mayor) की 17 सीटों पर चुनाव होना है। वर्ष 2017 में 16 सीटों के लिए चुनाव हुआ था। शाहजहांपुर सीट पर पहली बार चुनाव होने जा रहा है। महापौर की कुल 17 नगर निगमों में से 8 सीटें अनारक्षित रखी गई हैं, जबकि महिलाओं के लिए तीन सीटें, आरक्षित की गई हैं।
इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के लिए 2 और अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 2 सीटें आरक्षित की गई हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जाति महिला और अनुसूचित जाति के लिए 1-1 सीटें आरक्षित की गई हैं। इसी प्रकार नगर पालिका परिषदों की 200 सीटों में से अनुसूचित जाति महिला के 9 और अनुसूचित जाति के लिए 18 सीटें, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 18 और पिछड़ा वर्ग के लिए 36 सीटें आरक्षित की गई है। जबकि महिला के लिए 40 और 79 सीटें अनारक्षित श्रेणी में हैं।
इसी प्रकार नगर पंचायतों की 545 सीटों में 217 सीटें अनारक्षित और 107 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के लिए 98 और पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 49 सीटें, अनुसूचित जाति के लिए 48 तो अनुसूचित जाति महिला के 25 सीटें आरक्षित की गई है। जबकि अनुसूचित जनजाति महिला के लिए एक सीट आरक्षित किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना पर सात दिनों में आपत्तियां मांगी गई हैं। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण करते हुए अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। सीटों और वार्डों के आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद इसकी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार यह काम 12 दिसंबर तक पूरा कर लेगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को कार्यक्रम सौंप दिया जाएगा। इसके बाद तुरंत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
2017 में हुए निकाय चुनाव की तुलना में इस बार निकाय की सीमा में करीब 70 लाख अधिक आबादी शामिल हो गई है। 2017 में निकाय क्षेत्रों की आबादी 4.16 करोड़ थी, जो इस बार 4.85 करोड़ हो गई है। इसकी वजह 10 नगर निगमों समेत कुल 130 नगर निकायों का सीमा विस्तार और 111 नई नगर पंचायतों का का गठन किया जाना है।