गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि इस साल जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 14 लोग मारे गए हैं।
राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में जनवरी, 2022 से 30 नवम्बर, 2022 तक तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के 14 लोग मारे गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर ( Jammu and Kashmir) में इस साल अब तक 123 आतंकवादी घटनाओं में 180 आतंकवादी, 31 सुरक्षाकर्मी और 31 नागरिक मारे गए हैं।राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों की संख्या वर्ष 2018 में 417 थी जो 2021 में कम होकर 229 हो गई।
उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया खबरों के अनुसार कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगों की सुरक्षा चिंताओं का मुददा उठाया है और सरकार ने अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं।
एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकवादियों से ऑनलाइन धमकी मिली। जिसके कारण उनमें से चार ने कथित तौर पर अपनी नौकरी से इस्तीफा भी दे दिया। इसे लेकर श्रीनगर के शेरगारी थाने में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘जैसा कि जानकारी मिली है कि श्रीनगर स्थित स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली थी। जिसके बाद चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफा भी दे दिया है। जिन मीडियाकर्मियों ने इस्तीफा दिया है, वे ‘राइजिंग कश्मीर’ मीडिया हाउस के हैं।
लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर( Jammu and Kashmir) में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के जीवन की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियां जम्मू और कश्मीर में किसी भी हमले को विफल करने के लिए तैनात रहती हैं।