हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता ने रिवाज कायम रखते हुए राज बदल दिया है। यानी, हर चुनाव की तरह इस बार भी सत्ता बदली है। राज्य की 68 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। ताजा आंकड़ों में कांग्रेस ने बहुमत के लिए जरूरी 35 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है। कांग्रेस 40 सीटें जीत चुकी है।आम आदमी पार्टी के लगभग सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है।
वहीं, भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई। 2017 के मुकाबले उसे 19 सीटों का नुकसान हुआ। 3 सीटों पर निर्दलियों ने जीत दर्ज की है। MCD चुनाव में भाजपा को हराने वाली आम आदमी पार्टी पहाड़ में खाता भी नहीं खोल पाई।
हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हार स्वीकार करते हुए राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा सौंपने के बाद जयराम ठाकुर ने कहा कि मैंने हिमाचल गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया है। मैं लोगों के विकास के लिए काम करना कभी बंद नहीं करूंगा। हमें चीजों का विश्लेषण करने की जरूरत है। कुछ मुद्दे थे जिन्होंने नतीजों का रुख बदल दिया। मैं दिल्ली जाऊंगा अगर वे हमें बुलाएंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में आए जनादेश का सम्मान है। मैं यही कहना चाहता हूं कि कांग्रेस जल्द अपने मुख्यमंत्री का चयन करे, शपथ कराए और प्रदेश के विकास को गति दे। जो परिणाम आए हैं वो सभी के सामने हैं। सीटों में अंतर है मगर 1% से भी कम वोट शेयर के अंतर से हम ये चुनाव हारे हैं। हिमाचल के इतिहास में पहली बार कोई पार्टी इतने कम अंतर से जीती है।

हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) में हर चुनाव में 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का रिकॉर्ड है। इस बार भी जयराम ठाकुर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में सुरेश भारद्वाज, रामलाल मारकंडा, वीरेंद्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर, राकेश पठानिया, डॉ. राजीव सैजल, सरवीण चौधरी, राजेंद्र गर्ग शामिल हैं। जयराम ठाकुर के अलावा बिक्रम ठाकुर और सुखराम चौधरी ही चुनाव जीत पाए।सराज सीट से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को रिकॉर्ड 20 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है। वे रिकॉर्ड 7वीं बार जीते हैं।