बिहार (Bihar ) के छपरा ( Chhapra ) में जहरीली शराब (Toxic Liquor )से अब तक43 लोगों की मौतें हो गई हैं। 30 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर है यानी मौतें और बढ़ सकती हैं। जिस मशरक इलाके में घटना हुई है, वहां थानेदार रितेश मिश्रा समेत 2 लोगों को सस्पेंड किया गया है। जांच के लिए SIT बनाई गई है। उत्पाद विभाग की 7 टीमें छापेमारी कर रही है। मशरक के अलग-अलग इलाके से 600 लीटर अवैध शराब बरामद हुआ है। अब तक 48 घंटे में 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) ने कहा है कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं। सबको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) ने शराब से मौतों पर कहा कि शराब पीना तो गलत है ही। लोगों को भी सोचने की जरूरत है। वो क्यों इस तरह की शराब पीते हैं। जहरीली शराब पिएंगे तो मरेंगे ही ना। मैंने महिलाओं के कहने पर ही शराबबंदी की है। इसमें सभी पार्टियों का भी समर्थन था।
उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी वाले राजनीति कर रहे हैं। पहले ये बताइए जहां-जहां आपकी सरकार है वहां भी शराब से मौतें हो रही हैं। आपकी सरकार आंकड़े छिपा लेती है।
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र जहरीली शराब (Toxic Liquor )से मौतों के वजह से हंगामे की भेंट चढ़ गया है। सदन में लगातार तीसरे दिन बीजेपी विधायकों ने वेल में उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
छपरा में 17 लोगों के शवों का बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया। इनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है, लेकिन अधिकतर की जहरीली शराब (Toxic Liquor )से ही मौत होने की आशंका है। दूसरी ओर, पुलिस की ओर से जिले के विभिन्न इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। अवैध शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) ने कहा, “तो हम लोगों ने तो शराबबंदी लागू कर दिया, लेकिन आपको तो मालूम है, सबसे पहले 2016 में ही जहरीली शराब (Toxic Liquor )की बात हुई थी। और उसके बाद जितनी जहरीली शराब थी, हम लोगों ने उस पर कितना एक्शन करवाया है। लोगों को सचेत रहना चाहिए। यहां तो शराबबंदी है, तो कुछ गड़बड़ तो बेचेगा ही, लोगों की मौत हो जाती है। तो उसको याद रखना चाहिए, कि शराब नहीं पीना है। शराब बहुत बुरी चीज है लेकिन फिर भी कोई पी लेता है। ज्यादातर लोगों ने इसके पक्ष में सहमति दी है। लेकिन कुछ आदमियों का क्या कीजिएगा, कुछ तो ऐसी गलती करता ही है।”
जहरीली शराब पीने से अभी तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है। 2022 की शुरुआत से लेकर अबतक छपरा में हुई घटनाओं में 50 लोग जाम छलकाने के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। जनवरी 2022 में मकेर और अमनौरर में जहरीली शराब पीने से एक दर्जन लोग मारे गए थे। वहीं अगस्त 2022 में छपरा के पानापुर और मकेर-भेल्दी में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। आम लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं के बाद सुस्त प्रशासन सक्रिय होता है। दो-चार गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले की लीपापोती हो जाती है। शराब पीने वाले परिवार के लोग शराब माफिया के खिलाफ डर से बोलते नहीं। उसके बाद फिर से वहीं सिलसिला शुरू हो जाता है।
Chapra hooch tragedy | Even when there was no liquor ban here, people died due to spurious liquor -even in other states. People should be alert. As there is a liquor ban here, something spurious will be sold due to which people die. Liquor is bad & shouldn’t be consumed: Bihar CM pic.twitter.com/0bYUzfBsPx
— ANI (@ANI) December 15, 2022
#WATCH बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य विधानसभा में अपना आपा खो बैठे क्योंकि विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर राज्य सरकार के शराब बंदी पर सवाल उठाया। pic.twitter.com/JgI3XBQHMG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2022