वाराणसी (Varanasi) में उत्तर और दक्षिण की संस्कृति को एकाकार करने वाले काशी-तमिल संगमम (Kashi-Tamil Sangamam) के मास पर्यंत यात्रा पर शुक्रवार को विराम लग गया। बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में आयोजित समापन समारोह को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah)ने संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने काशी तमिल संगमम के एक माह तक के आयोजन को अलौकिक बताया। कहा कि यह भारत की दो महान सांस्कृतिक धरोहरों के अद्भुत संगम है।
गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah)ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी तमिल संगमम की कल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है। हालांकि ये पूर्णाहुति नहीं है। ये तो शुरुआत है। भारतीय संस्कृति के दो उत्तुंग शिखर, तमिलनाडु की संस्कृति, दर्शन, भाषा, कला, ज्ञान की काशी की सांस्कृतिक विरासत के मिलन की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम के माध्यम से सदियों बाद ये प्रयास किया है। ये प्रयास पूरे देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुलामी के एक लंबे काल खंड में हमारी संस्कृति और विरासत को मलिन करने का प्रयास किया गया है।
हमें आनंद है कि भारत की आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काम किया है। मैं इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। भारत अनेक संस्कृतियों, भाषाओं, बोलियों और कलाओं से बना हुआ देश है। मगर, इन सबके बीच में बारीकी से देखें तो उसकी आत्मा एक है और वह भारत की आत्मा है। दुनिया के अन्य देश जिओ पॉलिटिकल आधार बने हुए हैं, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है।
गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah)ने कहा कि आजादी के बाद एक समय ऐसा आया, जब देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया। लेकिन अब समय आ गया है एक भारत श्रेष्ठ भारत की रचना करने का और वो भारत की सांस्कृतिक एकता से ही हो सकता है। मैं काशी वालों का धन्यवाद करना चाहता हूं, तमिलनाडु से आए हुए सभी भाई-बहनों का काशी वासियों ने मन से स्वागत किया है। तमिलनाडु वाले काशी को कभी भूल नहीं सकते। अंत में उन्होंने हर-हर महादेव का उद्घोष कर अपने संबोधन को समाप्त किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी तमिल संगमम ने काशी में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार कर दिया है। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
भारत की दो महान सांस्कृतिक धरोहरों के अद्भुत संगम #KashiTamilSangamam के समापन सत्र को संबोधित कर रहा हूँ।
இந்தியாவின் இரண்டு பெரும் கலாச்சார பாரம்பரியத்தின் சிறப்பு நிறைந்த சங்கமமான காசி-தமிழ் சங்கமத்தின் நிறைவு கூட்டத்தில் உரையாற்றுகிறேன் https://t.co/kEt3HJKRJT
— Amit Shah (@AmitShah) December 16, 2022