Friday, September 20, 2024

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Haryana : रोहतक सतलोक आश्रम हिंसा मामले में स्वयंभू संत रामपाल सहित 23 आरोपी बरी

Self-styled godman Rampal acquitted in 2006 Satlok ashram violence case

Self-styled godman Rampal acquitted in 2006 Satlok ashram violence case ( के  ) के करौंथा कांड में 16 साल 6 माह व 9 दिन बाद अदालत ने मंगलवार को फैसला सुना दिया है। जिसमें सतलोक आश्रम ( Satlok Ashram)  करौंथा के संचालक रामपाल(Rampal  )सहित 24 को चश्मदीद गवाह के अभाव में बरी कर दिया गया। वहीं आर्म्स एक्ट के तहत 3 लोगों को 2-2 साल की सजा सुनाई गई है।

करीब साढ़े 16 साल पहले हुए करौंथा कांड में कुल 38 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जिनमें से 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है। वहीं 6 आरोपी भगोड़े घोषित किए थे, जिनमें से एक आरोपी रामपाल के भाई महेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, महेंद्र का फैसला अभी आना बाकी है। इसके अलावा 27 आरोपियों का फैसला कोर्ट ने सुनाया।

इस केस में कुल 78 गवाह थे, जिनमें से 26 गवाह पब्लिक के थे। उनमें से किसी एक भी गवाह ने यह नहीं कहा कि मरने वाले को या जिनको चोट लगी है, उनको किस आरोपी की गोली लगी। 27 आरोपियों के पास से 14 हथियार बरामद हुए थे। उनमें से एक भी गोली मरने वाले व घायलों को नहीं लगी।

वकील जेके गक्खड़ ने कहा कि मरने वाले के शरीर से दो गाेली निकली थी, जो 315 बोर की थी। वहीं जो आरोपियों के पास मिले 315 बोर के 2 हथियार सहित सभी असले मधुबन लैब में भेजे थे। लैब रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर से मिली गोली किसी भी हथियार से मैच नहीं करती।

करौंथा कांड में कुल 62 लोगों को चोटें लगी थी। जिनमें से एक व्यक्ति सोनू की मौत गोली लगने के कारण हो गई थी। मंगलवार को 27 आरोपी थे, जिनमें से 3 को आर्म्स एक्ट के तहत 2-2 साल की सजा सुनाई गई है। क्योंकि इनके पास जो असलाह था, वह दूसरों का था और इनके पास कोई लाइसेंस नहीं मिला। वहीं रामपाल (Rampal  )सहित 24 आरोपियों को न्यायालय ने बरी कर दिया।

रामपाल के बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ने गांव करौंथा में सतलोक आश्रम खोला था। इसका आर्य समाजियों तथा आसपास के ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन 12 जुलाई 2006 को करौंथा के सतलोक आश्रम ( Satlok Ashram) के बाहर भीड़ एकत्रित हो गई। वहीं रामपाल के अनुयायियों व आर्य समाजियों में टकराव हो गया।

तनाव इतना बढ़ा की नौबत फायरिंग तक जा पहुंची। तनाव के बीच गोली लगने से झज्जर जिले के गांव बाघपुर निवासी सोनू की मौत हो गई थी, वहीं 61 लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने रामपाल सहित अन्य को हिरासत में लेकर आश्रम को सील कर कब्जे में ले लिया था। हालांकि, हाईकोर्ट से रामपाल को 2 साल बाद जमानत मिल गई।

2013 में आश्रम ( Satlok Ashram) को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट को दे दिया गया। इसी बीच रामपाल समर्थकों ने बरवाला में भी आश्रम बना लिया। करौंथा में दोबारा हुई हिंसा के बाद रामपाल बरवाला में शिफ्ट हो गए। नवंबर 2014 में करौंथा कांड की CBI से जांच कराने की मांग उठी।

हाईकोर्ट ने रामपाल की जमानत रद की और अदालत में पेश होने के लिए कहा। रामपाल हाईकोर्ट में पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करके पेश करने के लिए पुलिस को आदेश दिए। जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो बरवाला में हिंसा हो गई। रामपाल को बरवाला के एक केस में सजा हुई है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels