Friday, September 20, 2024

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Uttar Pradesh : एटा में 16 साल पहले फर्जी मुठभेड़ में फर्नीचर कारीगर राजाराम की हत्या करने वाले पांच पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास, चार को पांच -पांच साल की जेल, गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा

5 policemen sentenced to life in 16 year old fake encounter of a carpenter in Etah. 4 get 5 years each.

 5 policemen sentenced to life in 16 year old fake encounter of a carpenter in Etah. 4 get 5 years each.   ( )  में 16 साल पहले फर्नीचर कारीगर राजाराम की हत्या कर मुठभेड़( Fake Encounter ) का रूप देने के मामले में दोषी पांच पुलिसकर्मियों को बुधवार को गाजियाबाद में सीबीआई की अदालत ने आजीवन कारावास और 38-38 हजार रुपये अर्थदंड और चार पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल जेल व 11-11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। एक आरोपी पुलिसकर्मी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

  ( ) में सीबीआई विशेष न्यायाधीश परवेंद्र कुमार शर्मा की कोर्ट ने एटा (Etah ) में 16 साल पहले फर्जी मुठभेड़ ( Fake Encounter )में व्यक्ति की हत्या करने के दोषी तत्कालीन थाना प्रभारी पवन सिंह, एसआई पाल सिंह ठेनुआ, सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद और जीप चालक मोहकम सिंह को विशेष सीबीआई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पांचों पर अदालत ने हत्या के मामले में 33-33 हजार और साक्ष्य मिटाने के मामले में 11-11 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है। इसके अलावा चार पुलिसकर्मियों- बलदेव प्रसाद, अजय कुमार, अवधेश रावत और सुमेर सिंह को हत्या के आरोप से बरी कर दिया, लेकिन साक्ष्य मिटाने और झूठी सूचना देने के मामले में 5 – 5 साल की सजा और 11-  11 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है। इसके बाद सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

वर्ष 2009 में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 13 साल चली सुनवाई में 202 लोगों की गवाही के बाद साबित हुआ कि सिपाही राजेंद्र ने राजाराम से अपने घर की रसोई में काम कराया था। राजाराम ने मजदूरी के पैसे मांग लिए थे। सिपाही ने मना किया तो राजाराम अड़ गया था। इसी पर सिपाही ने साजिश रच ली। राजाराम पर एक भी केस दर्ज न होने के बावजूद सिढ़पुरा थाने की पुलिस ने उसे लुटेरा बताया। उसका शव परिवारवालों को देने के बजाय खुद ही अज्ञात में दाह संस्कार कर दिया था।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अनुराग मोदी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट में दर्ज परिवाद में राजाराम की पत्नी संतोष कुमारी ने बताया था कि उसके पति को थाना सिढ़पुरा जिला एटा (Etah ) के पुलिसकर्मी पवन सिंह, पालसिंह ठेनुवा, अजंट सिंह, सरनाम सिंह और राजेन्द्र प्रसाद ने 18 अगस्त 2006 को दोपहर तीन बजे उठा लिया था। उस समय वह पति राजाराम, जेठ शिव प्रकाश, देवर अशोक के साथ अपनी बीमार बहन राजेश्वरी देवी को पहलोई गांव में देखने जा रही थी।

उसने बताया कि उसने पति को पुलिस से छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कहा कि पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं, अगले दिन छोड़ देंगे। 28 अगस्त 2006 को थाना सिढ़पुरा की पुलिस ने एक लुटेरे की मुठभेड़ में मौत बताई। उसके शव को अज्ञात में जला देने के बाद बताया कि वह राजाराम था। संतोष ने बताया कि वे पहले केस दर्ज कराने के लिए थाने गए तो पुलिस ने भगा दिया।
जिला अदालत में प्रार्थना पत्र दिया तो अर्जी खारिज हो गई। इसके बाद वे लोग हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। 2007 में जांच शुरु कर फर्जी मुठभेड़ ( Fake Encounter ) में  सीबीआई ने 2009 में सिढ़पुरा के तत्कालीन थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह सहित दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान आरोपी दरोगा अजंट सिंह की मृत्यू हो गई। नौ पुलिसकर्मी हत्या और साक्ष्य मिटाने के दोषी सिद्ध हुए।
राजाराम के खिलाफ किसी भी थाने में कोई केस दर्ज नहीं था। वह पुलिसवालों के घर भी फर्नीचर की मरम्मत का काम करता था। इसके बावजूद उसे लुटेरा बताकर मुठभेड़ में उसकी हत्या की। पुलिसवाले उसे पहचानते थे, फिर भी शव की शिनाख्त नहीं की और अज्ञात में दाह संस्कार किया। उसके परिजनों को उसके मर जाने की सूचना भी नहीं दी। कोर्ट में पुलिस न तो उसे लुटेरा साबित कर सकी और न ही मुठभेड़ को असली।
Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.