ग्वालियर ( Gwalior ) में इंजीनियर तृप्ति अग्रवाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला के इंजीनियर पति का कहना है कि पत्नी ने फांसी लगाई है। वहीं मायके पक्ष का आरोप है कि दहेज के लिए ससुरालवालों ने बेटी की हत्या कर दी। वे बेटी को प्रताड़ित करते थे। उसने एमटेक किया था। वह भी बेंगलुरु में आईटी कंपनी में जॉब करती थी। वहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद होता रहता था। कुछ दिन पहले ही उसकी जॉब छुड़वा दी।
मामला ग्वालियर ( Gwalior ) के लक्ष्मीबाई कॉलोनी में सोमवार का है। तृप्ति अग्रवाल (31) की शादी 6 साल पहले मिहुर अग्रवाल से हुई थी। मिहुर पेशे से इंजीनियर है। वह बेंगलुरु स्थित एक मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करता हैं। फिलहाल, लॉकडाउन के बाद से वर्क फ्रॉम होम कर रहा हैं। मिहुर के पिता राकेश अग्रवाल जल संसाधन विभाग से रिटायर्ड हैं।
मिहुर के मुताबिक रविवार रात सभी लोग खाना खाकर सो गए थे। मैं और तृप्ति भी बेटे के साथ कमरे में सो गए। सुबह देखा, तो कमरे में तृप्ति नहीं थी। तलाश किया, तो दूसरे कमरे में वह फंदे पर लटकी मिली। हमने उसे नीचे उतारा। नब्ज टटोली, तो पता चला उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। साथ ही, ससुराल वालों को भी बताया। सूचना पर ग्वालियर ( Gwalior ) पुलिस ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी।
तृप्ति के मामा पवन अग्रवाल ने बताया कि हमें सुबह देरी से सूचना दी गई। यहां पहुंचे, तो तृप्ति का शव जमीन पर पड़ा था। ससुराल वालों ने तृप्ति को मार कर फांसी पर लटकाया है। इसके बाद सबूत भी मिटा दिए। जिस पंखे पर लटकी, वहां कोई निशान नहीं है। पंखा टेढ़ा भी नहीं हुआ। पवन अग्रवाल के मुताबिक कमरे में पोंछा लगा दिया गया। पास ही अस्पताल भी है, लेकिन वे हॉस्पिटल नहीं ले गए।

तृप्ति के पिता जयप्रकाश अग्रवाल भी पंजाब नेशनल बैंक से रिटायर्ड हैं। उनका आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद तो सब ठीक रहा। बाद में आए दिन दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। कई बार मायके भी छोड़कर आए थे। पिता ने शादी में पूरा सामान दिया था। फिर भी पैसे मांगते थे। इसे लेकर मारपीट भी की जाती थी। हम यह सोचकर चुप थे कि समय के साथ धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।