आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में सोमवार को सीबीआई (CBI) ने वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। चंदा पर 2018 में पति दीपक के साथ मिलकर वीडियोकॉन को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप है। ईडी ने धूत, कोचर और अनके पति दीपक के खिलाफ फरवरी 2019 में केस फाइल किया था।
सीबीआई ने बीते शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ रही चंदा कोचर को गिरफ्तार किया था। साथ ही उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया गया था। चंदा कोचर पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था।ऐसा कहा जा रहा है कि वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी। इसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ की ‘स्वीट डील’ हुई थी। ऐसे आरोप हैं कि 3250 करोड़ का लोन दिलाने में चंदा कोचर ने मदद की थी।
चंदा कोचर के वकील ने शनिवार को कोर्ट में कहा था कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। यह बयान ED को स्वीकार्य था और ED ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन सीबीआई इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई। वकील ने कहा था कि इन लोन्स के लाभार्थी वीएन धूत (Venugopal Dhoot) हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर सीबीआई को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।’
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (NRL), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर भी कार्रवाई की है। इन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाया गया है। एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।
एफआईआर के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकोन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। वीडियोकॉन ग्रुप ने इस लोन में से 86 फीसदी (करीब 2810 करोड़ रुपये) नहीं चुकाए। साल 2017 में इस लोन को एनपीए में डाल दिया गया। दरअसल, चंदा उस कमेटी का हिस्सा रहीं थीं, जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी। इसके अलावा 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी। कमेटी के इस फैसले ने बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन किया था।
Mumbai | Videocon chairman Venugopal Dhoot, Former MD & CEO of ICICI bank Chanda Kochhar & Deepak Kochhar brought to CBI court in connection with the ICICI bank -Videocon loan fraud case pic.twitter.com/9xCycEmVEz
— ANI (@ANI) December 26, 2022