Friday, September 20, 2024

Corruption, News, Rajasthan

राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अब रिश्वतखोरी में पकड़े जाने वाले अफसर ,कर्मचारियों की पहचान उजागर नहीं करेगा,नये महानिदेशक का नया आदेश

New DG orders Rajasthan ACB to keep the identity of corrupt officers secret till court pronounces them guilty

 (  ) में  ) अब रिश्वतखोरी में पकड़े जाने वाले अफसर ,कर्मचारियों की पहचान उजागर नहीं करेगी। भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद नाम और फोटो जारी नहीं करेगी। सिर्फ विभाग का नाम और पद की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। ऐसा आदेश महानिदेशक एसीबी का अतिरिक्त चार्ज लेते ही हेमंत प्रियदर्शी ने दिया है। आदेश में साफ किया गया है कि जब तक आरोपी पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक उसकी फोटो और नाम मीडिया में या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा। साथ ही, जिस भी आरोपी को पकड़ा जाएगा, उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी की रहेगी।

एसीबी ACB ) पूरी कार्रवाई की फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी कराती है। बाकायदा फुटेज और फोटो मीडिया को जारी भी करती थी। इसका मकसद यह होता था कि जिसे पकड़ा गया है, उसके कारनामे से अधिक से अधिक लोक वाकिफ हो सकें। फोटो-वीडियो सामने आने के बाद एसीबी के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ता था। धीरे-धीरे समय बदला और एसीबी के अधिकारियों ने कार्रवाई के बाद मौके पर मीडिया को बुलाना शुरू कर दिया। पूरी कार्रवाई मीडिया को दिखाई जाती थी, ताकि पूरी डिटेल के साथ रिपोर्ट आम लोगों के सामने आ सके।

आरोपियों के घर-ऑफिस पर चल रहे सर्च तक की फोटो-वीडियो  एसीबी जारी करती थी। अब नए आदेश को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल उठने लगा है कि अभी तक जो हो रहा था, वह गलत हो रहा था। आरोपियों की फोटो और नाम छुपाकर एसीबी क्या करना चाहती है। इसको लेकर कोई साफ जवाब नहीं मिल पा रहा है।

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आदेश पर कमेंट करते हुए लिखा- कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचार के साथ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तथाकथित मॉडल स्टेट राजस्थान में भ्रष्टाचारियों को अभयदान देने के लिए अब उनके फोटो व नाम को मीडिया में उजागर नहीं करने का तुगलकी फरमान निकालकर प्रेस की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB ) अब भ्रष्टाचारियों का ढाल बन गया है। एसीबी की ओर से बुधवार को जारी आदेशों से यही लगता है। अब एसीबी की ओर से रिश्वत लेते पकड़े जाने वालों का मीडिया को न नाम बताया जाएगा और न ही फोटो लेने देंगे। इससे भ्रष्टाचार करने वाले ज्यादा बेखौफ हो जाएंगे। महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार लेने के बाद आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी ने सबसे पहला आदेश यही जारी किया है। इस पर विवाद खड़ा हो गया है।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.