उत्तराखंड ( Uttarakhand) की नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी( Haldwani )में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद करीब 4 हजार से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड के बीच 50 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा है।
इधर, नैनीताल ( Nainital ) हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को हल्द्वानी( Haldwani ) लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद केस की पैरवी करेंगे।
दरअसल, हल्द्वानी ( Haldwani )के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की 29 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे। धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं। नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था।
रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा। रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है। लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
हल्द्वानी ( Haldwani )के बनभूलपुरा में 4 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनमें अधिकतर मुस्लिम हैं। सूत्रों के मुताबिक, आजादी के पहले इस हिस्से में बगीचे, लकड़ी के गोदाम और कारखाने थे। इनमें उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और बरेली के अल्पसंख्यक समाज के लोग काम करते थे। धीरे-धीरे वह यहां बसते गए और रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा हो गया।
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है। इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में 4 सरकारी स्कूल, 11 निजी स्कूल, एक बैंक, दो ओवरहेड पानी के टैंक, 10 मस्जिद और चार मंदिर हैं।
जिलाधिकारी धीरज एस गर्ब्याल ने कहा- लोग यहां रेलवे की जमीन पर रहते हैं। उन्हें हटाया जाना है। तैयारी चल रही है। हमने अतिरिक्त सुरक्षाबलों की मांग की है। अवैध कब्जा जल्द हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उनकी सरकार कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी। पुलिस और स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं।
बुधवार को स्थानीय प्रशासन ने रेलवे के साथ मिलकर जमीन का निरीक्षण किया, जबकि हटाए जा रहे निवासियों ने बेदखली रोकने के लिए कैंडल मार्च निकाला और धरना दिया। इलाके की एक मस्जिद में सैकड़ों लोगों ने सामूहिक नमाज इज्तेमाई दुआ अदा की। मस्जिद उमर के इमाम मौलाना मुकीम कासमी ने बताया कि लोगों ने सामूहिक रूप से समाधान के लिए प्रार्थना की।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार यानी 5 जनवरी को सुनवाई होगी। हल्द्वानी ( Haldwani )के रहने वाले कांग्रेस नेता शराफत खान ने इस मामले में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, मुनादी के एक हफ्ते बाद अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रशासन ने सोमवार से मुनादी भर करवानी शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने की स्थिति में प्रशासन 10 जनवरी से हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक अतिक्रमण हटाना शुरू कर देगा।
Rajasthan Anti-Corruption Bureau (ACB) will not be revealing the names & videos of those being trapped or caught by ACB during the investigation until the case is proven in court. Only the name of dept & the designation will be revealed: DG, Anti-Corruption Bureau, Rajasthan
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 4, 2023
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