मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh )के गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ( Gandhi Medical College Bhopal )में बुधवार को जूनियर डॉक्टर आकांक्षा माहेश्वरी ( Dr. Akanksha Maheshwari 24) ने हॉस्टल मेंआत्महत्या कर ली । वह गांधी मेडिकल कॉलेज से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थीं। पुलिस को मौके से इंजेक्शन और सीरिंज मिली।
पुलिस को मौके से ढाई-ढाई एमएल के एनेस्थीसिया के चार खाली इंजेक्शन, 50 एमजी का पेन किलर का खाली इंजेक्शन और सीरिंज मिलीं। ये इंजेक्शन वह एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट से लाई थी। पुलिस मान रही है कि आकांक्षा ने इन्हीं इंजेक्शन से आत्महत्या की है।
मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें डॉ.आकांक्षा माहेश्वरी ( Dr. Akanksha Maheshwari )ने लिखा- ‘मैं इतनी मजबूत नहीं हूं, इतना स्ट्रेस झेल नहीं पा रही हूं। मम्मी-पापा सॉरी। दोस्तों को भी सॉरी। प्यार देने के लिए धन्यवाद। मैं स्ट्रॉन्ग नहीं हूं। मैं व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा रही हूं।’
डॉ.आकांक्षा माहेश्वरी ( Dr. Akanksha Maheshwari ) ने ग्वालियर ( Gwalior ) के गजराराजा मेडिकल कॉलेज से पिछले साल ही एमबीबीएस पूरा किया था। पुलिस ने बताया कि आकांक्षा ग्वालियर के दीनदयाल नगर इलाके के आदित्य पुरम की रहने वाली थी। आकांक्षा ने वहां से एमबीबीएस किया था। इसके बाद वो जीएमसी, भोपाल से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थीं। वह फर्स्ट ईयर में थीं। बुधवार सुबह करीब 7 बजे उन्होंने अपने डिपार्टमेंट में फोन कर बताया कि तबीयत खराब है, ड्यूटी पर नहीं आऊंगी।
हॉस्टल में रहने वाली स्टूडेंट ने पुलिस को बताया कि आकांक्षा के रूम का सुबह से दरवाजा बंद था। शाम को जब साथी छात्राएं हॉस्टल पहुंचीं, तो दरवाजा बंद होने पर गार्ड को जानकारी दी। गार्ड ने जीएमसी मैनेजमेंट को बताया। तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खुलवाया। अंदर आकांक्षा बेसुध हालत में मिली। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि पीजी स्टूडेंट ने बेहोशी के इंजेक्शन के 2.5 ML के चार डोज लिए थे। इसके अलावा एक डोज पेन किलर का लिया था। बेहोशी के इंजेक्शन का जानलेवा डोज लिया गया। यही वजह रही कि वह जिस अवस्था में बिस्तर पर लेटी थी, उसी अवस्था में उसकी मौत गई। पुलिस ने दवा की खाली शीशी भी बरामद कर ली है।
पुलिस ने बताया कि डॉ.आकांक्षा माहेश्वरी ( Dr. Akanksha Maheshwari ) ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर (जीआरएमसी) से इसी साल एमबीबीएस कंपलीट किया था। इसके बाद उन्हें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में पीजी में दाखिला मिला था। महीने र पहले ही वह भोपाल शिफ्ट हुई थीं। वह जीएमसी के गर्ल्स हॉस्टल के एच ब्लॉक में रह रही थीं। मौके पर मिले सुसाइड नोट में उसने ऐसा कुछ जिक्र नहीं किया, जिससे कि उसकी आत्महत्या की वजह का पता चल सके।