Monday, April 21, 2025

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Uttarakhand :हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बुलडोजर नहीं चलेगा,हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, कहा- 50 हजार लोगों को रातों-रात उजाड़ नहीं सकते

Haldwani homes demolition stayed by Supreme Court

 )  के ( ) में रेलवे की जमीन से 50 हजार लोगों को हटाए जाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर     (  ) ने गुरुवार को रोक लगा दी। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद 4000 परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजते हुए उत्तराखंड सरकार ओर रेलवे से इस मामले पर जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने कहा कि रातों रात आप 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते। यह एक मानवीय मामला है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें कोई व्यावहारिक समाधान ढूंढना होगा। समाधान का यह सही तरीका नहीं है। जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए। इन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय काफी कम है। पहले उनके पुनर्वास पर विचार होना चाहिए। बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। अब अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का स्टैंड क्या है इस मामले में? शीर्ष अदालत ने पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है, उसे आप कैसे डील करेंगे? लोग 50/60 वर्षों से वहां रह रहे हैं। उनके पुनर्वास की कोई योजना तो होनी चाहिए।

इस विवाद की शुरुआत उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हुई। इस आदेश में रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला दिया गया। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि  हल्द्वानी (Haldwani ) में रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा।

“Thousands can’t be uprooted overnight,” SC stays eviction order in Uttarakhand’s Haldwani

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— ANI Digital (@ani_digital) January 5, 2023

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Raju Upadhyay

Raju Upadhyay is a veteran journalist with experience of more than 35 years in various national and regional newspapers, including Sputnik, Veer Arjun, The Pioneer, Rashtriya Swaroop. He also served as the Managing Editor at Soochna Sahitya Weekly Newspaper.