समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व ट्विटर एडमिन मनीष जगन अग्रवाल को रविवार को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव( Akhilesh Yadav ) पुलिस मुख्यालय पहुंच गए। उन्होंने गिरफ्तारी का विरोध किया और कहा कि सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी। वो अपने समर्थकों के साथ पुलिस मुख्यालय में ही बैठ गए।
इस बीच बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता पुलिस मुख्यालय पहुंचे और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सपाइयों का कहना था कि तानाशाही नहीं चलेगी। पुलिस भाजपा के इशारे पर काम कर रही है और सपा के किसी भी नेता को गिरफ्तार कर ले रही है।
पुलिस मुख्यालय में ज्वाइंट सीपी पीयूष मोर्डिया ने अखिलेश को चाय का ऑफर किया तो उन्होंने मना कर दिया। कहा, “यहां की चाय नहीं पीएंगे। बाहर की पीएंगे। हम यहां की चाय नहीं पी सकते हैं, जहर दे दोगे तब…हमें भरोसा नहीं है। सच में भरोसा नहीं है। आप अपनी चाय पीजिए, हम अपनी पीएंगे।”
इस दौरान उन्होंने एक कार्यकर्ता को बाहर से चाय लाने की बात भी कही। उधर, अखिलेश यादव( Akhilesh Yadav ) के पहुंचने का पता चलते ही बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता पुलिस मुख्यालय पहुंच गए। वह गेट पर धरने पर बैठ गए। वहां पुलिस से उनकी झड़प हुई।

रविवार सुबह अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में समाजवादी पार्टी के ट्विटर एडमिन मनीष जगन अग्रवाल को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में तीन मुकदमें दर्ज हैं।मामले की जानकारी पर गिरफ्तारी के विरोध में सपा कार्यकर्ता पुलिस मुख्यालय पहुंच गए और वहीं बैठ गए। उन्होंने कार्यकर्ता को रिहा करने की मांग की।
करीब 2 घंटे अखिलेश पुलिस मुख्यालय में रहे। इसके बाद यहां से अखिलेश यादव( Akhilesh Yadav ) लखनऊ जेल में मनीष से मिलने पहुंचे। उनके साथ सपा के कई नेता थे। लेकिन, अखिलेश को कार्यकर्ता से मिलने नहीं दिया गया। इस पर सपा प्रमुख ने कहा कि मैं यहां जेल मनीष से मिलने आया था, लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया है।
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी गाली गलौज करती है। बीजेपी के सोशल मीडिया अकाउंट से हमारी पत्नी, परिवार और बच्चियों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी पुलिस का गलत इस्तेमाल करती है। उन पर गलत काम करने का दबाव बनाती है। पहले भी सपा के कई नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और फर्जी मुकदमों में जेल भेजा गया।
अखिलेश यादव( Akhilesh Yadav ) के पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर हरकत में आई पुलिस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखा। एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, “एक राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यालय आए थे। पहले से उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी पर बात की। उनसे कहा गया कि पुलिस ने जो कुछ किया है वह साक्ष्य के आधार पर किया है। उक्त व्यक्ति ने मर्यादाओं की सीमा लांघते हुए अभद्र ट्वीट किए हैं। जो आरोप हैं उसके तहत धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।”वहीं, मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर एडीजी ने कहा कि पुलिस के पास वीडियो फुटेज हैं। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सीतापुर के रहने वाले मनीष पर दो मुकदमे दर्ज हैं। दोनों मुकदमे सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी से जुड़े हुए हैं। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि रविवार को मनीष की गिरफ्तारी विश्व गौरव त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज केस में हुई है। यह केस हजरतगंज कोतवाली में मनीष जगन अग्रवाल समेत तीन लोगों के खिलाफ दर्ज है। इसके अलावा, एक अन्य मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। उसमें पुलिस ने गिरफ्तारी की है।
मनीष जगन के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत ने भी हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज कराई थी।
ऋचा ने अपनी शिकायत में कहा था, ‘सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी जा रही है, मुझे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव की होगी।’
#WATCH समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस मुख्यालय में चाय पीने से इंकार किया।
उन्होंने कहा,”हम यहां की चाय नहीं पियेंगे। हम अपनी (चाय) लाएंगे, कप आपका ले लेंगे। हम नहीं पी सकते, ज़हर दे दोगे तो? हमें भरोसा नहीं। हम बाहर से मंगा लेंगे।”
(वीडियो सोर्स: समाजवादी पार्टी) pic.twitter.com/zwlyMp8Q82
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2023